फैलोपियन ट्यूब 

शादी के बाद हर स्त्री मातृत्व सुख प्राप्त करने का सपना देखती है।  माँ बनने की खुशी के आगे संसार की सारी ख़ुशियाँ फीकी सी लगने लगती है। लेकिन ऐसी भी कुछ महिलाएं है जिन्हें इस खुशी का अहसास कुछ कारणों की वजह से नही मिल पाता है। महिलाएं गर्भधारण करने का लगातार प्रयास करती है फिर भी उन्हें कोई सफलता नही मिल पाती है। गर्भवती न होने के बहुत सारे कारण है जिनमें से एक है अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब या फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज जिससे महिलाओं में निःसंतानता की समस्या देखने को बनती है।  

 

फैलोपियन ट्यूब क्या है? fallopian tube kya hai in hindi

फैलोपियन ट्यूब फ़ीमेल प्रजनन तंत्र का एक भाग है। जो की अंग्रेजी के J अक्षर के सामान नज़र आती है। मांसपेशियों की बनी इस नलिका को गर्भाशय नली या डिंबवाहिनी कहा जाता है। 

 

फैलोपियन ट्यूब का कार्य –  Fallopian tube ka karya in Hindi 

महिलाओं के गर्भधारण में फैलोपियन ट्यूब का मुख्य रोल होता है। फैलोपियन ट्यूब की मदद से महिलाओं के अंडाश्य से अंडे प्रवाहित होकर गर्भाश्य तक जाते है। इसके साथ ही अंडे फैलोपियन ट्यूब में शुक्राणुओं से मिलकर निषेचन की क्रिया को पूर्ण करते हुए गर्भाश्य तक पहुंच जाते है।  गर्भाश्य तक अंडों को पहुँचाना फैलोपियन ट्यूब का कार्य होता है। परंतु यदि फैलोपियन ट्यूब में कोई संक्रमण, सूजन या फिर कोई अवरोध है तो उस फैलोपियन ट्यूब में रुकावट या फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज कहा जाता है। यदि ट्यूब में ऐसी समस्या होती है तो अंडे एवं शुक्राणु महिला के गर्भाश्य तक नही पहुंच पाते है जिसके कारण से महिलाएं गर्भधारण नही कर पाती है। 

 

फैलोपियन ट्यूब कितनी होती है – fallopian tube kitni hoti hai 

फैलोपियन ट्यूब की संख्या दो होती है जो गर्भशय से जुड़ी हुई होती है। फैलोपियन ट्यूब का काम ओव्यूलेश के समय अंडों एवं स्पर्म को गर्भाशय तक ले जाना होता है। 

 

फैलोपियन ट्यूब बंद होने के लक्षण  – fallopian tube band hone ke lakshan in Hindi 

वैदिक आयुर्वेदिक पद्धति में फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने के संदर्भ में कोई  ऊपरी लक्षण उपलब्ध नही है अर्थात फैलोपियन ट्यूब के लक्षणों की पहचान करने के लिए जाँच की मदद लेनी पड़ती है। 

अधिकांश महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब होने की समस्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है । बंध्यत्व इसका मुख्य लक्षण हैं परंतु आयुर्वेद में इसका उपचार पूरी तरह से संभव है। 

वैसे तो फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज के कोई भी लक्षण बाहरी तौर पर नज़र नही आते है । जब तक की महिला को गर्भधारण संबंधित परेशानियां न हो।  जब फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होती है, तो पेट के एक तरफ हल्का और लगातार दर्द बना रहता है। हाइड्रोसालपिनक्स अवरुद्ध फैलोपियन का एक प्रकार है। जिन महिलाओं के पेट में हल्का दर्द और योनि स्त्राव अधिक होता है उनमें फैलोपियन ट्यूब के लक्षण हो सकते है । परंतु ये लक्षण सभी महिलाओ में दिखाई नही देते हैं।

 

महिलाओं के पेट के नीचे वाले हिस्से में दर्द होना एवं दर्द में अचानक से वृद्धि होना इस तरह के संकेत देता है कि महिला को फैलोपियन ट्यूब में रुकावट है।

यदि किसी महिला को लगातार बुखार की समस्या रहती है तो फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का लक्षण हो सकता है। 

महिलाओं की वाजाइना से बदबूदार चिपचिपा पदार्थ निकलता है तो फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का लक्षण हो सकता है। 

मासिक धर्म के दौरान अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होना या फिर बिल्कुल न होना।  

एक्टोपिक प्रेगनेंसी भी इसका एक लक्षण है क्योंकि फैलोपियन ट्यूब में अवरोध होने के कारण अंडा और शुक्राणु नली में ही निषेचित हो जाते है जिसके कारण भ्रूण नली के बीच में ही अटक जाता है। जिसके कारण अस्थाई गर्भावस्था का निर्माण हो जाता है। 


फैलोपियन ट्यूब बंद होने के कारण – fallopian tube band hone ke karan Hindi 

फैलोपियन ट्यूब बंद होने के कारणों के बारें में चर्चा करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते है जिसकी वजह से महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब अवरुद्ध हो जाती है। 

  1. फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज स्त्रियों में निःसंतानता का प्रमुख कारण है। आयुर्वेद में ब्लॉकेज का मुख्य कारण दोषों को बताया गाया है। वात दोष एक ऐसा दोष होता है जिसके कारण महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब बंद हो जाती है। 
  2. पित्त दोष भी इसका कारण है। पित्त का मुख्य कार्य पाचन और उपापचय (Digestion and Metabolism) की क्रिया को संपन्न करना है। पित्त दोष के असंतुलन के कारण ट्यूब के भीतर विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन हो सकते है जो की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज  का कारण बनते हैं।
  3. कफ दोष की ख़राबी के कारण नली में जरूरत से ज्यादा पस (लसीला तरल पदार्थ) इकठ्ठा हो जाता है। जिसके कारण महिलाओं की ट्यूब बंद हो जाती है। 
  4. दोषों के अलावा, आहार कारक जैसे हल्का भोजन, कड़वा, तीखा, खट्टा, नमकीन, गर्म, आसानी से न पचने योग्य खाद्य पदार्थ , मीठा आदि ट्यूबल ब्लॉकेज का कारण बनते है।
  5. आयुर्वेद के अनुसार अनियमित जीवनशैली भी इसका एक मुख्य कारण है। जीवन शैली जिसमें अत्यधिक संभोग, अत्यधिक कसरत, आघात, चोट, गतिहीन जीवन शैली शामिल है, दिन के समय में सोना, अनुचित वमन, क्रोध, प्राकृतिक आग्रह का दमन आदि फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज  के कारण बनते हैं। 
  6. पीआईडी जिसका पूरा नाम है पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज जिसके कारण महिलाओं के अंगों में संक्रमण होने का खतरा रहता है। 
  7. यदि महिलाओं को क्लेमाइडिया और गोनोरिया की बीमारी है तो इसके उपचार के दौरान ट्यूब में रुकावट हो सकती है। 
  8. एंडोमेट्रियोसिस की समस्या भी के कारण महिलाओं के गर्भाशय से ऊतक बाहर की ओर आकर ट्यूब को जाम कर देते है। 
  9. एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के कारण अंडा फर्टिलाइज होकर ट्यूब में ही भ्रण का निर्माण कर लेता है। ऐसा होने पर पीसीओडी की समस्या बन जाती है। 

 

 फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज के अन्य कारण – fallopian-tube-band-hone-ke-any-karan

  1. गर्भपात की समस्या 
  2. पेट की सर्जरी
  3. अस्थानिक गर्भावस्था
  4. गर्भाशय का संक्रमण
  5.  श्रोणि सूजन की बीमारी
  6.  किसी पिछले संक्रमण के कारण क्लैमाइडिया जैसे रोग भी इसकी वजह है। 
  7. गर्भाशय के अंदर या उसके पास कोई सर्जरी।

 

फैलोपियन ट्यूब की जाँच – fallopian tube ki janch Hindi  

फैलोपियन ट्यूब की जाँच कई प्रकार की होती है जिसको करना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि जाँच के आधार पर ही इसका उपचार संभव है। जाँच के माध्यम से जान सकते है कि फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के क्या कारण है। 

 

  1.  एचएसजी टेस्ट – इस टेस्ट के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब की जाँच बहुत ही आसानी के साथ की जाती है। इस जाँच के माध्यम से डॉक्टर पता लगा लेते है कि फैलोपियन ट्यूब में कोई सूजन, क्षति या कोई रुकावट तो नही है। 
  2. लैप्रोस्कोपी – लैप्रोस्कोपी के दौरान एक छोटी सी सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी के द्वारा फैलोपियन ट्यूब की जाँच की जाती है। इस प्रक्रिया में कैमरा का भी उपयाेग होता है जो नली की अंदर की अवस्था को ठीक प्रकार से दिखाता है। 
  3. सोनोसाल्पिंगोग्राफी – गर्भाशय,अंडाशय तथा ट्यूब के अंदर की कमियों के बारे में इस जाँच के द्वारा पता चल जाता है। जिससे बंद ट्यूब को खोलने में काफी मदद मिलती है। 
  4. एंडोवैजिनल सोनोग्राफी –  यह जाँच मुख्य रुप से अंडाशय तथा गर्भाशय के जो सबसे निकट भाग होते है उनके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस जाँच को सबसे अच्छा माना गाया है। 

 

फैलोपियन ट्यूब का उपचार – Fallopian Tube Kholne Ke Upay

  बिना सर्जरी के फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का उपचार (Fallopian Tube Ko Kholne Ka Tarika)

आयुर्वेद के द्वारा फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का उपचार (ट्यूब ब्लॉकेज का इलाज )

ट्यूबल ब्लॉकेज महिला निःसंतानता का सबसे महत्वपूर्ण कारक है। जिसके कारण कपल्स के लिए बच्चा पैदा कठिन हो जाता है। जाँच के पश्चात आयुर्वेद के द्वारा अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब का सफल उपचार किया जाता है। अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब का आयुर्वेदिक उपचार महिलाओं की निःसंतानता को ठीक करने में सफल हुआ है।

आयुर्वेदिक डॉक्टरों द्वारा शल्यचिकित्सा (सर्जरी) के बिना स्वाभाविक रूप से फैलोपियन ट्यूब को अनब्लॉक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों में से आहार प्रबंधन (डाइट प्लान), आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, पंचकर्म चिकित्सा और जीवन शैली में सुधार शामिल है।

आयुर्वेद के अनुसार वात,कफ एवं पित्त दोष का संतुलन करना बहुत ही जरूरी होती है। तीनों दोष सामूहिक रूप से ट्यूबल ब्लॉकेज के लिए जिम्मेदार होते हैं। निःसंतानता मुख्य रूप से वात विकार है।  स्नेहन (ऑलिटियन- घी पिलाने की प्रक्रिया) और तर्पण के द्वारा बस्ती कर्म के उपचार से  सर्जरी के बिना फैलोपियन ट्यूब को अनब्लॉक किया जाता  है।

 

उत्तर बस्ती चिकित्सा द्वारा फैलोपियन ट्यूब का इलाज –

  1. उत्तर बस्ती चिकित्सा के द्वारा गृहिता वुथ निंबु तेल को महिलाओं के मूत्रमार्ग या जननांग मार्ग के माध्यम से औषधीय तेल या हर्बल काढ़े को डाला जाता है।  यव, क्षार कैला, कुमार तेला, नारायण तेल, पंचतिका, शतावरी घृत, महानारायण तेल, टीला कैला, लैशूना कैला आदि का उपयोग आयुर्वेद में फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज उपचार के लिए किया जाता है।
  2. उत्तर बस्ती , ट्यूबल ब्लॉकेज का सबसे अच्छा स्थानीय उपचार है। यह सभी प्रकार की बांझपन समस्याओं और सभी प्रजनन विकारों को ठीक करता है। सर्जरी के बिना फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज उपचार के लिए उत्तर बस्ती ही एकमात्र विकल्प है। उपचार योग्य और उच्च अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें दवाओं के उचित चयन और सर्वोत्तम परिणामों के लिए प्रशासन के उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

 

आयुर्वेद द्वारा दोनों फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का उपचार –

महिलाओं की दोनों ट्यूबों पूरी तरह से अवरुद्ध होने पर गर्भवती होना असंभव होता है। दोनों या एक अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब का उपचार, का  सबसे अच्छा विकल्प आयुर्वेद है। हाइड्रोसैलपिनक्स में सामान्य रूप से ट्यूब के माध्यम से बहने वाला द्रव्य किसी रुकावट के कारण फँस जाता है, जिसके परिणामस्वरूप ट्यूब में सूजन हो सकती है।

  

अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब के लिए प्राकृतिक उपचार – fallopian tubal blockage ka ayurvedic ilaj

यदि आपको अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब से प्राकृतिक तरीके से उपचार करना है तो निम्न उपायों का पालन करें जो स्वाभाविक रूप से ट्यूबों को अनब्लॉक करने में मदद कर सकते हैं।

  1. धूम्रपान और एल्कोहल के सेवन पूर्णतः बंद करना होगा क्योंकि ये मादक पदार्थ महिलाओ के प्रजनन तंत्र पर नकारात्मक असर डालते हैं।
  2.  विटामिन सी का भरपूर आहार का सेवन करें – यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है और आयरन को बढ़ाता है। संक्रमण के कारण ट्यूबल ब्लॉकेज को इससे ठीक किया जा सकता है।
  3. मेडिटेशन (ध्यान) – तनाव महिलाओ में निःसंतानता का सबसे प्रमुख कारण है । जो की बहुत सी प्रजनन संबंधी बीमारियों को जन्म देती है । इससे निजात पाने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) आवश्यक है। 
  4. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार –  ऐसे भोजन का सेवन करें जोकि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो तथा जंक फूड से हमेशा दूरी बनाकर ही रहें। 
  5. पंचकर्म – पंचकर्म चिकित्सा को अपनाएं क्योंकि यह शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और शरीर को पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  6. मर्म चिकित्सा – एक्यूप्रेशर चिकित्सा की ही एक पद्धति  है, जिसमे शरीर में कुछ बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है। यह शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को अवरुद्ध हुए मार्गो को खोलने का कार्य करता है।
  7. व्यायाम और स्ट्रेचिंग – यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। नियमित रूप से स्ट्रेचिंग एवं व्यायाम से अवरुद्ध हुई  फैलोपियन ट्यूब खुल जाती है।
  8. मालिश – मालिश रक्त के प्रवाह में सुधार करती है, उतकों की  तेजी से मरम्मत करती है और सूजन को कम करती है। अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूब को ठीक करने का यह सबसे अच्छा आयुर्वदिक तरीका है।
  9. योग – फैलोपियन ट्यूब के उपचार के लिए कुछ योग जैसे विप्रिता करणी, सेतु बंधासन प्राकृतिक रूप से फैलोपियन ट्यूब को खोल देता है।
  10.   लहसुन, अदरक, दालचीनी और हल्दी का सेवन पर्याप्त मात्रा में सेवन करें, जिससे आपकी ट्यूब प्राकृतिक रुप से खुल जायेगी। 

फैलोपियन ट्यूब को खोलने के लिए आयुर्वेदिक इलाज बहुत अच्छा माना है। आयुर्वेदिक इलाज में किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव (साइड इफैक्ट) नही होता है। आयुर्वेदिक उपचार में हर्वल औषधियों, जड़ी बूटियों को प्रयोग में लाया जाता है जो फैलोपियन ट्यूब के विकारों को दूर कर करते है। उत्तर बस्ती चिकित्सा के माध्यम से औषधि तेलों को योनि के मार्ग से प्रजनन अंगों तक पहुँचाया जाता है। जिसके द्वारा महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब बहुत ही जल्दी नेचुरल तरीके से खुल जाती है। 

 

यदि आपको भी निःसंतानता या बांझपन की समस्या से परेशान है तो हो सकता है कि यह परेशानी आपकी फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की वजह से हो। ऐसी स्थिति में आपको जल्द ही फैलोपियन ट्यूब से जुड़े संक्रमण और गर्भाशाय की जाँच अवश्य करवानी चाहिए। आशा आयुर्वेदा की स्त्री एवं प्रसूती विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा के अनुसार ऐसी स्थिति में संबंध न बनाएं या फिर सुरक्षित संबंध ही बनाएं। इसके अतिरिक्त यदि आपकी दोनो ही ट्यूब बंद है तो फिर बिना किसी देरी के किसी अच्छे चिकित्सक की परामर्श जरुर लेना चाहिए। 

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Frequently Asked Questions

  1. An x-ray known as hysterosalpingogram or HSG test is done where a dye is injected into the womb that flows in the fallopian tubes and drains in the abdominal cavity in the case of unblocked tubes. If the fluid is not seen flowing into the fallopian tubes, it signifies tubal blockage. There are certain reports where the HSG improved the pregnancy rates in certain patients. Performing HSG without imaging is called tubal flushing which improves the chances of pregnancy after HSG test blocked tubes.

2. Sonohysterogram is an ultrasound very similar to HSG test. It uses the sound waves to get the picture of fallopian tubes.

3. Laparoscopy, performed by the surgeon is done to picture the fallopian tubes from inside. It is considered the most accurate test for the blocked tubes.

Fallopian tube blockage causes infertility in a woman. In Ayurveda the causes of blockage is accumulation and vitiation of doshas. Vata dosha is responsible for any movement in the body channels. Due to the accumulation of the toxins there is dryness and narrowness of the channels that blocks the free movement of vata dosha. It can be sclerosis of the tubes or abnormal function of the tubes causing the tubal blockage. Pitta dosha is the other important cause of the blocked tubes. The main function of pitta is digestion and metabolism. The imbalance in pitta dosha causes inflammation and certain infection in the tubes thus resulting in blockage. Excessive accumulation of the pus in the tubes causing the obstruction is due to vitiated kapha dosha. Apart from the doshas, dietary factors such as light food, bitter, pungent, sour, salty, hot, not easily digestible foods, sweet, abhishyandi etc causes tubal blockage. Life style that includes excessive sexual intercourse, fasting, excessive workout, trauma, injury, s

HSG test may cost you between 2000 to 3000 INR. It ,ay differ from lab to lab.

The drugs used are yava kshara taila, kumara taila, narayana taila, panchtika ghrita wuth nimbu taila, shatavari ghrita,mahanarayana taila, tila taila, lashuna taila etc are used for fallopian tube blockage treatment in Ayurveda.

Uttara basti is the administration of medicated oil or herbal decoction through urethral or genital route in females. The drugs used are yava kshara taila, kumara taila, narayana taila, panchtika ghrita wuth nimbu taila, shatavari ghrita,mahanarayana taila, tila taila, lashuna taila etc are used for fallopian tube blockage treatment in Ayurveda