गर्भवती महिलाएं कैसे रखे खुद को सेहतमंद हर महिला के लिए मातृत्व सुख एक वरदान जैसा होता है। गर्भावस्था के साथ ही एक महिला को कई तरह की शंकाएं और चिंताएं होने लगती हैं। मां बनने की तैयारी करने वालों के लिए भी यह समय अपने आहार और जीवनशैली पर पूरा ध्यान देने का है। खान-पान में सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि जो भी खाया जाएगा वह बच्चे तक पहुंचेगा। हर तीन महीने में गर्भवती महिला की जीवनशैली में बदलाव आता है। कैसी होनी चाहिए गर्भावस्था की पहली तिमाही – What should be the first trimester of pregnancy पहली तिमाही वह…
गर्भधारण में क्या है डाइट का योगदान ? | How to Follow diet chart in pregnancy गर्भधारण में पौष्टिक आहार खाने की महत्व पूर्ण भूमिका होता है। पौष्टिक आहार (nutritious food) के सेवन से प्रजनन तंत्र (reproductive system) में सुचारु रुप से रक्त का संचार होता है। जिससे उनकी प्रजनन क्षमता (fertility) मे वृद्धि होती है। न्यूट्रिशन डाइट लेने से जन्म दोषों के जोखिम को कम किया जाता है। महिलाएं यदि गर्भधारण के पूर्ण संतुलित आहार का सेवन करती है। तो इससे एनीमिया का खतरा भी कम हो जाता है। साथ ही गर्भावस्था के अन्य अप्रिय लक्षण जैसे थकान और…
एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं होता है, सबसे ज्यादा दर्द? जानें कारण और उपचार एंडोमेट्रियोसिस के केश भारत में तेजी से बढ़ कर रहे हैं । इसके कारण अधिकांश महिलाओं को दर्दनाक माहवारी, पेट के निचले हिस्से में अधिक ऐंठन, संबंध के दौरान दर्द, कब्ज की समस्या, दस्त, पेल्विक पेन , पीठ में दर्द, पेशाब करते समय दर्द, मल पास करते समय दर्द इत्यादि की परेशानियां हो रही है। सर्वे से पता चलता है, कि एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित 90 प्रतिशत महिलाओं को सबसे ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है। परंतु 8-10 प्रतिशत ऐसी भी महिलाएं हैं जो बिना लक्षण के…
क्या झड़ते बाल हो सकते है इनफर्टिलिटी का संकेत शादी के बाद हर महिला का यहीं ख्वाब होता है, कि उसके भी एक अपना बच्चा हो, परंतु आज की व्यस्त जीवन शैली, तनाव, और खानपान के कारण बहुत सी महिलाएं इस सुख से दूर रह जाती है। इस सभी के साथ-साथ अधिक आपके बाल अधिक पतले और झड़ रहें है तो सावधान हो जायें । क्योंकि झडते बाल सीधे तौर पर इनफर्टिलिटी की ओर इशारा करते है। अधिकांश महिलाए इस बारे में सोच ही नही पाती है, कि बालों के गिरने से इनफर्टिलिटी हो सकती है । परंतु हार्मोन में…
प्रेगनेंसी के दौरान तनाव लेना हो सकता है खतरे की घंटी प्रेगनेंसी के दौरान तनाव महसूस करना आम बात है। क्योंकि गर्भावस्था कई बदलावों का समय होता है। इस समय गर्भवती महिला का शरीर और भावनाएं बदल रही होती हैं। इस समय तनाव का उच्च स्तर जो लंबे समय तक बना रहता है, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। गर्भावस्था के दौरान, तनाव से कम वजन कम होने की संभावना बढ़ सकती है। बहुत जल्दी या बहुत छोटे पैदा होने वाले शिशुओं में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के दौरान…
बच्चेदानी में गांठ या रसौली भी बन सकती है माँ बनने में परेशानी प्रजनन उम्र की महिलाों में आज की खराब जीवनशैली के चलते कुछ न कुछ परेशानी जरुर देखने को मिल रही है। बच्चेदानी में गांठ या फिर रसौली भी प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी एक समस्या है, जो महिलाओं में Infertility की समस्या खड़ी हो सकती है। अधिकांश महिलाएं तो इसको कैंसर तक समझ बैठती है परंतु यह ऐसा बिल्कुल भी नही है। परंतु हां 1 प्रतिशत से कम केशों में देखने को मिल भी सकता है। कितनी महिलाएं बच्चेदानी में गांठ या रसौली का सामना कर रही हैंं…
एप्टोपिक प्रेगनेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) क्या है और इसका आयुर्वेदिक इलाज (What is ectopic pregnancy and ectopic pregnancy ayurvedic treatment) हर स्त्री अपने जीवन में चाहती है की उसकी भी माँ बनने की अभिलाषा पूर्ण हो, किन्तु कुछ स्वास्थ्य परेशनियों के चलते ऐसा होना मुश्किल हो जाता है। मातृत्व प्राप्त करना हर महिला का अधिकार होता है और प्रकृति से उसे यह अधिकार वरदान स्वरुप मिला भी है । परंतु आज के समय में अधिकांश महिलाओं को खराब जीवन शैली और दूषित खानपान की वजह से इतनी आसानी से यह मातृत्व का अधिकार नही मिल पाता है। हम बात कर रहें…
pregnancy में डॉक्टर क्यों देते है अंजीर खाने की सलाह ? जानें अंजीर खाने की फायदे अंजीर सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसमें उच्च मात्रा में विटामिन ए, सी, ई, के, फाइबर मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, कॉपर (Vitamin A, C, E, K, Fiber Magnesium, Calcium, Potassium, Copper) के साथ-साथ उच्च एंटी-ऑक्सीडेंट गुण (High antioxidant properties)होते हैं। वहीं अगर दूध के साथ इसका सेवन किया जाए तो इसका असर दोगुना हो जाता है। हालांकि यह कोई रहस्य नहीं है कि दूध Calcium से भरपूर होता है। और हड्डियों को मजबूत बनाने में…
सिगरेट के धुएं से हो जाएं सावधान, स्मोकिंग से बढ़ रही है बांझपन की समस्या आजकाल अधिकांश लोगों को बस इतना ही पता है। कि धूम्रपान से हृदय, संवहनी (vascular) और फेफड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। बहुतों को इस बात का एहसास नहीं है कि धूम्रपान से पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता की समस्या भी हो सकती है। धूम्रपान के साथ स्तंभन दोष और गर्भावस्था की जटिलता दर भी बढ़ जाती है। और पढ़े – बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज – Female Infertility Treatment in Ayurveda in Hindi क्या धूम्रपान अंडे और शुक्राणु प्रभावित होते है – smoking…