इनफर्टिलिटी से आजादी, Freedom from infertility

(निःसंतानता) इनफर्टिलिटी से आजादी – Freedom From Infertility

इनफर्टिलिटी से आजादी: मां बनना हर महिला के लिए एक सुखद एहसास होता है। शादी के बाद हर महिला मां बनना चाहती है, लेकिन किसी कारणवश यह सपना पूरा नहीं हो पाता है। आज के समय में प्रजनन क्षमता में गिरावट अक्सर सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से जुड़ी होती है। इस वजह से महिला को कई ताने भी सुनने पड़ते हैं। यह जरूरी नहीं है कि गर्भवती न होने का कारण महिला ही हो, लेकिन फिर भी उसे समाज में तरह-तरह की बातें सुननी पड़ती हैं। 

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दरअसल, बदलती जीवनशैली के कारण निसंतानता की समस्या (Infertility Reason) इसका एक बड़ा कारण है। डॉ. चंचल शर्मा कहती है कि कई अन्य कारण भी हैं, जिनकी वजह से कई महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। ऐसे कपल्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिनमें शारीरिक रूप से कोई कमी नहीं है, फिर भी उन्हें संतान का सुख नहीं मिल पा रहा है। परंतु निसंतानता के लिए आयुर्वेद के संबंध में, एक स्वस्थ जीवन शैली और आहार बीमारी को रोकने और इलाज करने और आपको इनफर्टिलिटी से आजादी (Freedom from Infertility) दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है। 

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निसंतानता की मुख्य वजह- Root Cause of Infertility

निसंतानता के कारण पुरुष और महिला दोनों हो सकते हैं। Dr Chanchal Sharma कहती है कि निसंतानता कई कारणों से हो सकता है, जिनमें महिला निसंतानता में ट्यूबल ब्लॉकेज, लो एएमएच, एंडोमेट्रिओसिस, PCOD/PCOS, बार-बार गर्भपात होना, गर्भाशय में असमानताएं होना, संक्रमण होना आदि शामिल हैं। इसके अलावा पीरियड्स की असामान्यता रहना, पीरियड्स न आना, ओवुलेशन नहीं होना या देर से होना, हार्मोनल असंतुलन रहना, आहार, भावनात्मक अस्थिरता, अत्यधिक शारीरिक गतिविधि, जीवनशैली और तनाव दोष असंतुलन (वात, पित्त और कफ) पैदा करके मासिक धर्म चक्र को बाधित कर सकते हैं।

वहीं पुरुष नि:संतानता (Male Infertility) के कई कारण हो सकते है, जिनमें शुक्राणु का कम बनना, शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी, शुक्राणु की आकृति का असामान्य होना, वैरिकोसेले, संक्रमण, स्खलन की समस्याएं, ट्यूमर, हार्मोनल असंतुलन, शुक्राणु ले जाने वाली नलिकाओं की असामान्यताएं और इसी तरह की बीमारियां शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं हैं। 

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आईवीएफ से आजादी- Freedom From IVF

Infertility Treatment के लिए लोगों के दिमाग में सबसे पहले आईवीएफ का नाम आता है। ज्यादातर मामलों में IVF Treatment में कई तरह के साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं। आईवीएफ में भ्रूण को लैब के बाहर तैयार किया जाता है और सीधे महिला के गर्भाशय में रखा जाता है। 

आईवीएफ से आजादी, Freedom From IVF

इस प्रक्रिया से कई बार एक्टोपिक प्रेगनेंसी की समस्या हो सकती है, या तो नौ महीने से पहले ही बच्‍चे का जन्‍म होना, या फिर शारीरिक और मानसिक दवाब डालता है। आईवीएफ में इंजेक्‍शन लगने की वजह से महिलाओं का मूड स्विंग्‍स, हॉट फ्लैशेज, योनि में सूखापन, पेट फूलना, ब्रेस्‍ट में दर्द, सिरदर्द, वजन बढ़ना, मतली, चक्‍कर आना, थकान, नींद न आने जैसे साइड इफेक्‍ट दिख सकते हैं। और ज्यादातर मामलों में, आईवीएफ विफल होने पर महिलाओं को अधिक परेशानी होती है। वहीं आयुर्वेद में इनफर्टिलिटी का इलाज बिना सर्जरी के किया जाता है, जिससे इलाज के बाद भी महिलाओं को कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।

ट्यूबल ब्लॉकेज से आजादी- Freedom From Tubal Blockage

आज के समय में ज्यादातर दंपतियों को एचएसजी टेस्ट से पहले पता ही नहीं चलता की महिला की दोनों ट्यूब ही ब्लॉक है। डॉ. चंचल बताती है कि महिला के प्रजनन प्रणाली में फैलोपियन ट्यूब (Freedom From Tubal Blockage) वह जगह है जहां निषेचन की प्रक्रिया पूरी होती है। यहीं पर पुरूष के शु्क्राणु महिला के अंडे से मिलते है जो बाद में निषेचन की प्रक्रिया को पूरी कर गर्भाशय में इम्प्लांट होकर भूण (Embryo) में विकसित होता है। लेकिन बंद ट्यूब में शु्क्राणु अंडे के पास पहुंच नहीं पाती जिससे निषेचन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है। डॉक्टर इस मामले में आईवीएफ और लेप्रोस्कोपी की सलाह देते है, लेकिन आयुर्वेद में इसका इलाज बिना सर्जरी के किया जाता है। 

एंडोमेट्रिओसिस से आजादी- Freedom From Endometriosis

डॉ. चंचल कहती है कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण होने वाला दर्द एक महिला के लिए बहुत ही कष्टदायक होता है। जब यह समस्या होती है, तो गर्भाशय को ढकने वाले ऊतक (एंडोमेट्रियम) अंडाशय या गर्भाशय के आसपास असामान्य स्थानों में बढ़ने लगते हैं। पीरियड्स के दौरान अंडाशय में गहरे खून के थक्के जमने लगते हैं और पेल्विक और आसपास खून के धब्बे जमा हो जाते हैं, जिससे आंतें, नलिकाएं और अंडाशय आपस में चिपक जाते हैं। यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह नलियों और अंडाशय को नुकसान पहुंचाता है, जिससे निसंतानता की समस्या हो सकती है। पंरतु आप आशा आयुर्वेदा के आयुर्वेद इलाज से इनफर्टिलिटी से आजादी से छुटकारा मिल सकता है। इस इलाज की खास बात यही है कि इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत से भी ज्यादा है। 

हाइड्रोसाल्पिनक्स से आजादी- Freedom From Hydrosalpinx

इस समस्या में एक प्रकार से Blocked Fallopian Tubes जिसे हाइड्रोसाल्पिनक्स (Hydrosalpinx) कहा जाता है। जिससे ट्यूब में सूजन और तरल पदार्थ भर जाते हैं। आयुर्वेद शरीर, मन और आत्मा में असंतुलन को निसंतानता की समस्या से संबोधित करता है। यहां बताया गया है कि आयुर्वेद कैसे निसंतानता से मुक्ति पाने में मदद कर सकता है:

  • दोषों को संतुलित करना: आयुर्वेद में तीन दोषों की पहचान होती है – वात, पित्त और कफ – जिनका इष्टतम स्वास्थ्य के लिए सामंजस्य होना चाहिए। यहीं दोषों के असंतुलन होने से प्रजनन स्वास्थ्य प्रभावित होता है। आयुर्वेद आपके लक्षणों के अधार दोषों का पता लगाकर इलाज शुरुवात करते है।
  • आहार और पोषण: आयुर्वेद किसी के शरीर के प्रकार के अनुरूप पौष्टिक आहार के महत्व पर जोर देता है। प्रजनन स्वास्थ्य और हार्मोन संतुलन को बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों और विशिष्ट जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है।
  • हर्बल उपचार: शतावरी, अश्वगंधा और गोक्षुरा जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ प्रजनन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव के लिए जानी जाती हैं। ये जड़ी-बूटियाँ मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने, अंडे की गुणवत्ता में सुधार करने और शुक्राणु स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकती हैं।
  • पंचकर्म थेरेपी: आयुर्वेदिक विषहरण उपचार शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद कर सकते हैं, जिससे गर्भधारण के लिए एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा मिलता है।
  • तनाव प्रबंधन: तनाव प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद तनाव को प्रबंधित करने और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विश्राम तकनीक, योग, ध्यान और साँस लेने के व्यायाम प्रदान करता है।
  • प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली चिकित्साएं: उत्तर बस्ती (गर्भाशय में तेल डालना), अभ्यंग (तेल मालिश), और शिरोधारा (माथे पर तेल डालना) जैसे आयुर्वेदिक उपचार प्रजनन स्वास्थ्य और हार्मोनल संतुलन का समर्थन कर सकते हैं।
  • जीवनशैली में बदलाव: आयुर्वेद संतुलित दैनिक दिनचर्या को प्रोत्साहित करता है जिसमें पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम-योगा और तनाव में कम करना शामिल है।
  • मासिक धर्म स्वास्थ्य: आयुर्वेद स्वस्थ मासिक धर्म चक्र को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करता है, जो प्रजनन क्षमता के लिए आवश्यक है। नियमित और संतुलित चक्र अच्छे प्रजनन स्वास्थ्य का सूचक है।
आयुर्वेदा द्वारा इनफर्टिलिटी से छुटकारा – Freedom From Infertility

आयुर्वेद केवल लक्षणों का नहीं बल्कि संपूर्ण व्यक्ति का इलाज करता है। इसका उद्देश्य निसंतानता के मूल कारणों की पहचान करना और उनका समाधान करना है, जिससे परिणाम काफी प्रभावी होते है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आयुर्वेद को परिणाम दिखाने में समय लग सकता है, और व्यक्तिगत परिणाम अलग-अलग होते हैं। 

हम 11 वर्षों से इनफर्टिलिटी से आजादी करने में काम कर रहे हैं, आशा आयुर्वेदा ने 2005 से निसंतानता का इलाज करना शुरू किया है। पेशेंट IVF जैसे अप्रभावी तरीकों पर लाखों रुपये खर्च कर देते लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। Aasha Ayurveda में बहुत कम खर्च में ही आयुर्वेदिक इलाज के सहयोग के साथ एक परिवार शुरू करें। ज्यादा जानकारी के लिए हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

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