पुरुष बांझपन, male infertility in hindi, Male infertility

भारत में क्यों बढ़ रही है पुरुष बांझपन की समस्या क्यों आ रही है प्रजनन क्षमता में कमी तथा क्या है इसका समाधान

हमारे देश में पुरुष बांझपन (Infertility) को लेकर समाज में कई तरह की गलतफहमी पनप रही है। करीबन 2 करोड़ कपल बांझपन की समस्या से जुझ रहे हैं। सरल भाषा में कहें तो हर 6 में से 1 बांझपन की समस्या की चपेट में है। हमेशा गर्भधारण करने में असमर्थता के लिए महिलाओं को ही दोष दिया जाता है। आज के समय में पुरुष में भी शुक्राणुओं में कमी की समस्या देखी जारी है।

WHO की रिपोर्ट की माने तो बांझपन की समस्या 15 से 20 प्रतिशत तक कपल में देखी जाती हैं जिसमें पुरुष के बांझपन का योगगदान 20 से 40 प्रतिशत तक है। प्रजनन स्वास्थ संबंधी मुद्दों की बात करें तो पुरुषों की अनदेखी की जाती है। आज इन्हीं समस्या पर प्रकाश डालने के लिए हम पुरुष के बढ़ते बांझपन के बारे में बता रहे हैं।

पुरुष बांझपन क्या है?- What is Male Infertility in Hindi 

Male Infertility in Hindi, पुरुष बांझपन
Male Infertility in Hindi

यह एक प्रजनन समस्या (Fertility Problem) है जब एक महिला गर्भधारण करने में असक्षम होती हैं या गर्भवती होने में परेशानी होती है। प्रजनन समस्या महिला और पुरुष दोनों में हो सकती है। इसमें पुरुष का किसी भी महिला के गर्भधारण करने में असमर्थता को पुरुष बांझपन कहा जाता है। 

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पुरुष बांझपन के लक्षण- Symptoms of Male Infertility in Hindi

प्रजनन की क्षमता में कमी आने में कई कारण हो सकते है। पुरुषों में बांझपन के लक्षण इस प्रकार से है-

  • यौन क्रिया के साथ समस्याएं
  • असामान्य रुप से छाती का बढ़ना
  • चेहरे या शरीर के बालों में कमी होना
  • सामान्य से शुक्राणुओं की संख्या का कम होना
  • लंबे समय से महिला साथी का गर्भधारण ना कर पाना 
  • यौन इच्छा में कमी आना
  • स्खलन (Ejaculation) में कमी आना या मात्रा का कम निकलना
  • टेस्टिकल के आसपास वाले हिस्से में गांठ या अंडकोष में दर्द (Testicular pain) होना। 

पुरुषों में बांझपन का कारण – Causes of Male Infertility in Hindi

पुरुषों में बांझपन के कई कारण हो सकते है, वीर्य में खराबी, कम शुक्राणु बनना, शुक्राणु के आसामन्य कार्य से लेकर रुकावट जो शुक्राणु के वितरण को रोकते हैं। अन्य बाहरी कारक जैसे धूम्रपान, अधिक शराब का सेवन, खराब आहार लेना, कम व्यायाम करना, मोटापा, तनाव आदि भी इसका कारण हो सकते हैं।

साथ ही बीमारियां, चोटें, पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं और बदलती जीवनशैली पुरुष बांझपन की समस्या बनती हैं। पुरुष बांझपन आमतौर पर शुक्राणुजनन यानी स्पर्मेटोजेनेसिस की समस्याओं के कारण होता है। आमतौर पर 35 साल की उम्र में प्रजनन की क्षमता कम होने लगती है।

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बांझपन के आयुर्वेदिक इलाज – Ayurvedic Treatment of Male Infertility in Hindi

इस बीमारी को कम करने के लिए हमारी 5 हजार साल पुरानी आयुर्वेदिक चिकित्सा से उचित उपचार और जीवन शैली में बदलाव लाते है। पंचकर्म यानी 5 कर्म से ट्रीटमेंट किया जाता हैं। पुरुष बांझपन का उपचार की जानकारी इस प्रकार है :-

1. उत्तर बस्ती ट्रीटमेंट: यह एक पुरुष बांझपन के लिए आयुर्वेद की महत्वपूर्ण ट्रटमेंट है। इस प्रकिया में पुरुषों के मूत्र संबंधी विकार को दूर किये जाते हैं। आयुर्वेद में मूत्रमार्ग से औषधीय तेल डाला जाता हैं। करीबन 20 मिनट के लिए इस प्रक्रिया में अंगों का शोधन किया जाता हैं। जिससे शुक्राणु विकार, वीर्य विकार दूर किया जाता हैं। यहीं प्रयोग महिलाओं के लिए भी किया जाता हैं।

2. हर्बल उपचार: इस प्रक्रिया में पुरुष में योन ग्रन्थियों की समस्या दूर करने के लिए हर्बल काढा दिया जाता है। काढा को मूत्रमार्ग से लिंग द्वारा प्रवेश कराया जाता है। यह हर्बल काढा ट्यूब (tube) ले जाने के लिए लिंग में डाला जाने वाला एक लचीले टयूबिंग जैसे उपकरणों के माध्यम से किया जाता है । जिससे पुरुष की प्रजजन क्षमता में बढ़ोतरी होती हैं।

3. आयुर्वेदिक औषधी: आयुर्वेदिक तरीके सेे पुरुषों की फर्टिलिटी या स्‍पर्म काउंट बढ़ाने के लिए औषधी जैसे अश्‍वगंधा, शतावरी, कौंच के बीज इस्‍तेमाल किए जा सकते हैं।

पुरुषों में बांझपन से बचाव के तरीके – Ways to Prevent Infertility in Men in Hindi

अन्य तरीकों से पुरुषों में फर्टिलिटी को सुधारा जा सकता है। जैसे कि –

  1. डाइट में करें बदलाव: आजकल हमारे खानपान की आदतों में बदलाव आ गया है। स्टडी के अनुसार खानपान का सीधा संबंध पुरुषों के स्‍पर्म की क्‍वालिटी से होता है। डाइट में आपको मछली, फल और सब्जियों, लो-फेट डेयरी का उत्पादन शामिल करना चाहिए, जिससे वीर्य की क्वालिटी बेहतर होगी। 
  2. धूम्रपान छोड़े: धूम्रपान में होने वाले तंबाकू के धुएं में आरओएस स्तर पर होता है। यह आरओएस स्तर शुक्राणु की प्रगति और कार्य को कम करके उसे नुकसान पहुंचा सकता है।
  3. व्यायाम: रोज सुबह उठकर व्यायाम करके आप एक हेल़्डी लाइफ अपना कर सकते है। व्यायाम आपके  हेल़्डी शुक्रणु की गतिशीलता को सही मात्रा में बनाए रखता है। हफ्तें में तीन से छह दिन आपको 30 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। 
  4. वजन कम करें: ज्यादातर मामलों में देखा गया है की मोटे लोगों में अतिरिक्त वसा मौजूद होने के कारण टेस्टोस्टेरोन का एस्ट्रोजन का रुपांतरण बढ़ने से महिला और पुरुष हर्मोंन का संतुलन बढ़ जाता है। 

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