प्रेगनेंसी होने के लिए HCG Hormone क्यों है जरूरी ? प्रेगनेंसी के हार्मोन आपके महिलाओं के शरीर को जन्म के लिए तैयार करते हैं और आपके बच्चे के विकास में मदद करते हैं। एचसीजी वह हार्मोन है जो आपके महिला शरीर के बाकी हिस्सों को बताता है कि आप गर्भवती हैं। एचसीजी हार्मोन मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ाता है। और यह अधिक तीव्र उल्टी और मतली के साथ सहसंबद्ध होते हैं ।एचसीजी महत्वपूर्ण कार्य: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन बढ़ाना होता है। ताकि वे बच्चे को विकसित करने के लिए अपनी भूमिका निभा सकें। इसलिए प्रेगनेंसी के लिए HCG Hormone जरुरी…
फायब्रोइड या रसौली कैसे मातृत्व सुख में बन सकता है रुकावट प्रजनन उम्र की अधिकांश महिलाओं के गर्भाशय में रसौली (फायब्रोइड) होती है। ऐसे में इन सभी महिलाओं के मन में प्रश्न उठता है। कि यदि गर्भाशय में रसौली हो जाती है तो क्या उनके मातृत्व सुख में रुकावट आ सकती है? या फिर रसौली होने पर माँ बनने की कितनी संभावना होती है? महिलाओं के गर्भाशय में फाइब्रॉएड ट्यूमर होते हैं। जो गर्भाशय की दीवारों में या प्रजनन क्षेत्र में विकसित होते हैं। और यह सामान्य होते है परंतु यह आम तौर पर कैंसर नहीं होते हैं। गर्भाशय में…
बच्चेदानी में गांठ या रसौली का आयुर्वेदिक इलाज – डॉ चंचल शर्मा आज के समय में अनुचित खान-पान और अव्यस्थित दिनचर्चा ने महिलाओं के हार्मोन संतुलन को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। जिसके कारण उनको परिवार बनाने में कभी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा आजकाल महिलाएं को बच्चेदानी से संबंधित बहुत सारी परेशानी घेरे रहती है । जिससे वह वह आसानी से संतान सुख प्राप्त नही कर पा रही हैं। बच्चेदानी में गांठ (रसौली) एक ऐसी प्रजनन से जुड़ी समस्या है। जो महिलाओं को माँ बनने से रोक रही है। महिलाओं के गर्भाशय में गांठ की…
गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की सूजन से बढ़ सकता है बांझपन का खतरा गर्भाशयग्रीवा की सूजन बहुत आम है। यह अनुमान लगाया गया है कि सभी वयस्क महिलाओं में से आधे से अधिक को किसी न किसी समय गर्भाशयग्रीवा की सूजन की समस्या होती है। जिन महिलाओं को यौन संचारित रोग हुए हैं, या जिनके अधिक साथी हैं जिन्हें यौन संचारित रोग हुए हैं, उनमें भी गर्भाशयग्रीवा की सूजन का खतरा अधिक होता है। गर्भाशयग्रीवा की सूजन बांझपन के खतरे को बढ़ा सकती है। गर्भाशयग्रीवा में सूजन होने पर इसमें अक्सर लक्षण दिखाई नही देते है। लेकिन, गर्भाशयग्रीवा में सूजन होती…
क्या एंडोमेट्रियोसिस ओवुलेशन में बन सकता है समस्या और कैसे एंडोमेट्रियोसिस को आयुर्वेदिक इलाज से ठीक किया जाता है? आज की जीवन शैली एवं खराब खानपान की वजह से भारत में महिलाओं को इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में देश में लाखों जोड़ो को निःसंतानता का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसी ही एक इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्या है, जिसका नाम है एंडोमेट्रियोसिस । महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की परेशान तब होती है। जब महिलाओं के अंडाशय, बाउल और पेल्विक की बच्चेदानी के ऊतको पर एंडोमेट्रियल टिश्यू वृद्धि करने लगते हैं। एंडोमेट्रियल टिश्यू जब फैलोपियन…
फाइब्रॉएड क्या है और कैसे करें इसका इलाज ? गर्भाशय फाइब्रॉएड (जिसे लेयोमायोमा या बस मायोमा भी कहा जाता है) सबसे आम स्त्री रोग संबंधी स्थिति है, जो 50 वर्ष की आयु तक 70% महिलाओं को प्रभावित करती है। फाइब्रॉएड कुछ महिलाओं में दर्द का कारण बनता है। लेकिन फाइब्रॉएड वाली हर महिला को दर्द का अनुभव नहीं होगा। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि दर्द और अन्य लक्षणों के कारण 30% महिलाएं फाइब्रॉएड के इलाज के लिए परेशान रहती हैं। फाइब्रॉएड क्या हैं? फाइब्रॉएड मांसपेशियों के तंतुओं (fibers) से बना एक ट्यूमर है। जो गर्भाशय के विभिन्न क्षेत्रों में विकसित…
ऋतु परिवर्तन प्रेगनेंसी को कैसे प्रभावित कर सकती है ? कैसे करें बचाव गर्भवती होना एक महिला के जीवन की सबसे रोमांचक और आनंददायक घटनाओं में से एक है। अब सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है और करीब एक महीने से ज्यादा का समय भी हो चुका है। ऐसे में बहुत सारी गर्भवती महिलाओं के मन में सवाल आते हैं। कि क्या मौसम का बदलाव हमारी प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। तो यह बात सच है क्योंकि आुयुर्वेद के अनुसार ऋतु परिवर्तन महिलाओं की प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में कुछ आयुर्वेद एवं घरेलू उपचार को अपनाकर…
महिलाओं को गर्भवती होने के लिए हार्मोनल संतुलन क्यों आवश्यक है? एएमएच हार्मोन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन में से एक है। प्रजनन समस्याएं अक्सर इसके असंतुलन से सीधे जुड़ी होती हैं। एएमएच एंटी मुलेरियन हार्मोन का संक्षिप्त नाम है। एएमएच एक ग्लाइकोप्रोटीन रसायन है। जो महिला भ्रूण के जीवन के साथ-साथ वयस्क प्रजनन स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण कार्य करता है। रक्त में एएमएच का स्तर डॉक्टरों को आपकी प्रजनन क्षमता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को समझने में मदद करता है। गर्भवती होने, गर्भधारण करने और स्वस्थ बच्चा पैदा करने के लिए हार्मोनल संतुलन आवश्यक है। हार्मोनल असंतुलन…
प्रेगनेंसी के लिए अंडे की क्वालिटी में कैसे सुधार करें? इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है जो आधुनिक जोड़ों के कई जीवन को परेशान कर रही है। निष्क्रिय जीवनशैली विकल्पों और अस्वास्थ्यकर आदतों के कारण भी पिछले कुछ वर्षों में यह काफी बढ़ रहा है। प्रजनन क्षमता की पूरी प्रक्रिया को बाधित करने वाले बहुत महत्वपूर्ण कारकों में से एक जीवनशैली या लगातार अस्वास्थ्यकर खानपान है। जो एक महिला अपने दैनिक जीवन में अपनाती है। जब प्रेगनेंसी के लिए एग क्वालिटी पर चर्चा की जा रही है, तो एक महिला द्वारा रिलीज किये गए अंडों की गुणवत्ता को अक्सर प्राथमिकता दी…