महिला बांझपन, women infertility

महिला बांझपन का आयुर्वेदिक इलाज – Female Infertility Treatment in Ayurveda in Hindi

संतान सुख संसार का सबसे बड़ा सुख माना गया है, बिना संतान के जीवन का कोई मायने ही नही होता है। हर दंपत्ति का यही सपना होता है की उसका भी एक हस्ता-खेलता परिवार हो और उसके आंगन में भी बच्चों की किलकारियाँ गूँजे।

परंतु कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते कुछ दंपत्ति इस सुख से दूर रह जाते है। जिसकी मुख्य वजह होती है निःसंतानता (बांझपन-इन्फर्टिलिटी) । निःसंतानता को दूर करने में female infertility in ayurveda के लिए एक अच्छा विकल्प है। 

सामान्य भाषा में निःसंतानता को समझे तो इसका मतलब होता है, एक साल तक कोशिश करने के बावजूद बच्चे पैदा करने में असमर्थ होना। इस तरह की समस्या महिला तथा पुरुष दोनो को हो सकती है।

जाँच की दौरान यदि किसी महिला में कोई समस्या पाई जाती है तो उसे महिला निःसंतानता (Female infertility) या बांझपन कहते है। यदि यह समस्या पुरुषों को होती है तो उसे पुरुष निःसंतानता male infertility या बांझपन कहते है।

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महिला बांझपन या महिला निःसंतानता – Female Infertility in Hindi

महिला बांझपन Female infertility उम्र, शारीरिक समस्याओं, हार्मोन की समस्याओं और जीवन शैली या पर्यावरणीय कारकों के परिणामस्वरूप हो सकती है। भारत में निःसंतानता की समस्या ने एक गंभारी रुप धारण कर लिया है जोकि एक सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गया है।

अब हर कोई शहर की ओर अपना रुख कर रहा है और आधुनिक सुख-सुविधाओं की चाह भी रख रहा है। लेकिन शहरी जीवन में इतनी अधिक भागदौड़ है कि इससे जीवन शैली बहुत ही ज्यादा प्रभावित हो रही है। जिसके परिणाम स्वरूप निःसंतानता (इन्फर्टिलिटी यानी बांझपन) जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।

महिलाओं में बांझपन के अधिकांश मामलों में अंडे के उत्पादन में समस्या आती है। आकड़ों की माने तो भारत की पूरी आबादी में से 14% प्रतिशत दंपत्ति निःसंतानता का शिकार है।

महिला बांझपन (निःसंतानता) के लक्षण – Female Infertility Symptoms in Hindi

यदि महिलाओं में अनियमित माहवारी, पीरियड्स के दौरान दर्द एवं अन्य महिला प्रजनन संबंधी समस्याएं आती है तो महिलाएं निःसंतानता का शिकार हो सकती है। जिसे महिला निःसंतानता के नाम से जानते है।

यदि महिलाओं में अनियमित माहवारी, पीरियड्स के दौरान दर्द एवं अन्य महिला प्रजनन संबंधी समस्याएं आती है तो महिलाएं निःसंतानता का शिकार हो सकती है। जिसे महिला निःसंतानता के नाम से जानते है।

आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा की माने तो भारतीय दंपतियों में निःसंतानता की समस्या इतनी तेजी से बढ़ रही है जैसी कोई महामारी है।

  • अनियमित पीरियड्स – Irregular periods
  • पीरियड्स के दौरान दर्द – Periods pain
  • पीरियड्स न होना – Missed or late periods

महिलाओं में बांझपन (निःसंतानता) के कारण – Female Infertility Causes in Hindi

  1. फैलोपियन ट्यूबल ब्लॉकेज (Fallopian tubal blockage)
  2. हाइड्रोसाल्पिनक्स (Hydrosalpinx)
  3. एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis)
  4. पीसीओए/पीसीओडी(PCOS/PCOD)
  5. यूट्रस में टीबी (TB in uterus)
  6. फाइब्रॉएड (Uterine fibroids)
  7. एक्‍टोपिक प्रेग्‍नेंसी (ectopic pregnancy)

महिला बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार (फीमेल इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट) – Mahila banjhpan ka ayurvedic upchar

बांझपन की समस्या से छुटकारा दिलाने में आयुर्वेदिक उपचार सबसे बेहतर है। आयुर्वेद में ऐसी हर्बल जड़ी बुटियाँ एवं ओषधियाँ है जिनके सेवन से महिला प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है।

आयुर्वेद की पंचकर्म थेरेपी से महिला बांझपन का उपचार पूरी सफलता के साथ किया जाता है। पंचकर्म चिकित्सा में विभिन्न प्रकार की जड़ी बुटियाँ एवं काढ़े (क्वाथ) का प्रयोग किया जाता है, जिससे महिला की प्रजनन समस्या दूर होती है।

शिरोधारा थेरेपी एवं पंचकर्म की अन्य थेरेपी के माध्यम से महिला निःसंतानता में शीघ्र लाभ देखने को मिलता है।

आयुर्वेद उपचार के साथ खान पान पर अधिक जोर देता है, समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भोजन की अहम भूमिका होती है। आयुर्वेद के डाइट प्लान के अनुसार संतान सुख प्राप्त करने वाली महिलाओं को अपने भोजन में दूध, घी, बादाम, अखरोट इत्यादि खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इस सभी पदार्थों के सेवन से शरीर में पर्याप्त मात्रा में शुक्र धातु का निर्माण होता है। शुक्रधातु प्रजनन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार वात दोष से महिला प्रजनन क्षमता अत्यधिक प्रभावित होती है,इसलिए इस दोष का निवारण करना बहुत ही आवश्यक होता है। आयुर्वेद में विरेचन थेरेपी के द्वारा वात दोष को ठीक किया जाता है।

आयुर्वेदिक उपचार लेने से पहले किसी आयुर्वेद डाक्टर या किसी अच्छे आयुर्वेदिक सलाहकार से परामर्श अवश्य करना चाहिए।

महिलाओं में बांझपन का उपचार (फीमेल इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट) – Mahila Banjhpan Ka Ayurvedic Upchar Hindi

आयुर्वेद चिकित्सा में ऐसी बहुत सारी आयुर्वेदिक दवाएँ उपलब्ध है जिसके द्वारा महिला बांझपन को दूर किया जाता है। गोक्षुर (caltrop) एक ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधि है जो महिलाओ की निःसंतान को दूर करने में बहुत ही मददगार होती है। इनके अतिरिक्त भी बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियाँ है जो कि इस प्रकार है –

1. लोध्र (Lodhra)

2. शतावरी (Shatavari)

3. अश्वगंधा (Ashvagandha)

4. सफ़ेद मुसली (Safed musalee)

5. कौंच के बीज (Kaunch beej)

महिला बांझपन के घरेलु उपाय – Female Infertility Gharelu Upchar in Hindi

बांझपन को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय है जिनको अपना कर आप अपनी बांझपन की समस्या से छुटकारा पा सकती है।

1. दालचीनी हमारी रसोई में मौजूद एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसका सेवन किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक कि निगरानी में किया जाये तो निश्चित ही लाभ होगा।

2. अनार के सेवन से भी महिलों का यौन विकार दूर होते है, इसलिए इसका सेवन करना गुणकारी होगा।

3. तिल के तेल की मालिश से भी इनफर्टिलिटी (infertility) को दूर किया जा सकता है।

4. अधिक तेल युक्त भोजन तथा तीखा खाने से परहेज करें।

5. धूम्रपान एवं नशीले पदार्थों से दूरी बनाकर रहें।

6. चाय-कॉफी का कम से कम सेवन करें या फिर कुछ समय के लिए कैपीन युक्त पदार्थों को त्याग दें।

(और पढ़े:- महिला निःसंतानता का आयुर्वेदिक उपचार || प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए)

नोटः– ऊपर बताये गये सभी उपाय एवं उपचार आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा से हुई बातचीत के दौरान प्राप्त हुए है। यदि आप भी किसी स्वास्थ्य से संबंधित(महिला बांझपन) कोई आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करना चाहते है तो आशा आयुर्वेदा में संपर्क करें।

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