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फर्टिलिटी के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज | Fertility in Hindi

जब भी बात फर्टिलिटी (Fertility in Hindi) की आती है तो कई प्रकार की धरणाओं का जिक्र किया जाता है। जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं होता है। इससे सुनी-सुनाई बातों के आधार पर मन परेशान होता है, जबकि हम सच्चाई से कोसो दूर है। आज इन्हीं समस्या पर प्रकाश डालने के लिए हम फर्टिलिटी से जुड़ी मिथको के बारे में बता रहे हैं।

फर्टिलिटी क्या है? –  What is Fertility in Hindi

प्रजनन क्षमता या फर्टिलिटी (fertility in Hindi) एक बच्चे को गर्भ धारण करने की प्राकृतिक क्षमता है। फर्टिलिटी की बात करें तो सबको असानी से नहीं मिलती है। आज के समय में 11 प्रतिशत कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे है।

फर्टिलिटी की सिर्फ महिलाओ के स्वस्थ की समस्या नहीं है। पुरुष और महिला सभी बांझपन का अनुभव करते हैं और हर कोई अपनी प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए कदम उठा सकता है। आप अपने फर्टिलिटी का सुधार कर जल्दी कंसीव करते और इनफर्टिलिटी को दूर करते है। 

(और पढ़े – Don’t Worry About Infertility. Try Ayurvedic Treatment)

फर्टिलिटी की समस्या के लक्षण क्या है?- Symptoms of Fertility in Hindi

आजकल कपल्स के लिए यह समस्या आम है कि एक साल तक गर्भवती होने की कोशिश करने के बाद, उन्हें प्रजनन क्षमता की कमी का पता चलता है। इन निम्नलिखित लक्षण से प्रजनन समस्या का संकेत दे सकते हैं:

  • आपकी उम्र 35 साल है, और आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं।
  • 35 साल से कम में गर्भवती हुए बिना एक साल तक असुरक्षित यौन संबंध बनाए हो।
  • आपको लगातार दो या अधिक गर्भावस्था हानियां हुई हो।
  • आपको बांझपन के कोई जोखिम कारक हो।
  • अनियमित या अनुपस्थित पीरियड्स होना।
  • बहुत दर्दनाक अवधि है।
  • प्रजनन समस्याओं का पता होना।
  • कई बार गर्भपात हो चुका हो।
  • कम शुक्राणुओं की संख्या या शुक्राणु के साथ अन्य समस्याएं।
  • वृषण (Testicular), प्रोस्टेट (Prostate) या यौन समस्याओं का इतिहास।
  • कैंसर का इलाज चल रहा हो।
  • छोटे अंडकोष (testicles) या अंडकोष में सूजन।
  • आपके परिवार में अन्य लोगों को बांझपन की समस्या हो।
  • यौन रोग (स्तंभन दोष या कम कामेच्छा आदि)।
  • चेहरे या शरीर के बालों में कमी होना
  • सामान्य से शुक्राणुओं की संख्या का कम होना

फर्टिलिटी की समस्या के कारण क्या है?-  Causes of Fertility in Hindi

आजकल के जीवन शैली में ऐसे कई कारक जो फर्टिलिटी की समस्या का मुख्य कारण हैं:

  1. उम्र से संबंधित प्रजनन क्षमता में गिरावट।
  2. हर्मोनल डिसऑडर (पीसीओडी या पीसीओएस) या प्रजनन प्रणाली में समस्या होना।
  3. शुक्राणुओं की डिलीवरी में समस्या।
  4. मोटापा भी बांझपन के प्रमुख कारणों में से एक है।
  5. अंडाशय (Ovaries), फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) या गर्भाशय (Uterus) की समस्याएं।
  6. वृषण (Testes), प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland), या वीर्य पुटिका (Seminal Vesicles) की समस्याएं।
  7. धूम्रपान, ज्यादा शराब पीना और ड्रग्स प्रजनन क्षमता को कम करती हैं।
  8. गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की असामान्यताएं।
  9. शरीर में पोषक तत्व की कमी होना।

कभी कभी कुछ मामलों में कपल्स में निदन के बाद भी पता इनफर्टिलिटी का सही कारण नहीं पता चलता हैं। जिसे अस्पष्टीकृत बांझपन (Unexplained Infertility) के रूप में जाना जाता है।

(और पढ़े – How to Increase AMH Levels Naturally)

फर्टिलिटी की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज Ayurvedic Treatment for Fertility Problems in Hindi

किसी भी वजह से अगर फर्टिलिटी के इलाज में सफलता नहीं मिलती तो मन दुखी हो जाता है। लेकिन कोई भी इलाज फैल होने के बाद और भी ऑपशन मौजूद रहता है। प्रजनन क्षमता और फर्टिलिटी को सुधारने के लिए आप नेचुरल तरीके से इलाज कर सकते है। आयुर्वेदिक के जरिए आप असानी से प्रेग्नेंट हो सकती हैं। जैसे कि 

अभ्यंग उपचार

 इस उपचार में आयुर्वेदिक तेल से शरीर की मालिश की जाती है। इससे शरीर के सभी अंगों की आयुर्वेदिक तरीके से मौजूद कमियों को दूर किया जाता है। ये इलाज महिला और पुरुष दोनों के लिए है।

स्नेहपनम उपचार

इस उपचार में एग सेल और स्पर्म काउंट के लिए आयुर्वेदिक घी का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें महिला और पुरुष दोनों को पीने के लिए घी दिया जाता है। जिससे शारीरिक संबंध शक्ति बढ़ती है। साथ ही पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

पोडिक्कजी उपचार

 इस उपचार में महिला और पुरुष दोनों को समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक चूर्ण खाने के लिए दिया जाता है। इस जड़ी बूटी से शारीरिक संबंध में स्पीड और ड्यूरेशन दोनों बढ़ता है। साथ ही ये दवा शरीर में मौजूद डेटॉक्स को बाहर करने में कारगर है। 

नजावरा उपचार

इसमें प्राकृतिक रूप को अपनाया जाता है। इसके लिए एक पाक बनाया जाता है। जिसमें लाल पके चावल को दूध और जड़ी बूटी में मिलाकर बनाया जाता है। फिर इस पाक को सूती कपड़े में बांध के रस को तकरीबन आधे घंटे के लिए कन्धों और कमर पर निचोड़ा जाता है। इस रस से पूरे शरीर की मालिश की जाती है। इसके बाद आयुर्वेदिक तेल से शरीर की मालिश की जाती है। इस प्रक्रिया से गर्भ धारण की संभावना बढ़ जाती है। 

इसके साथ ही खान-पान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। वहीं स्मोकिंग और ड्रिकिंग से भी दूर रहना जरूरी है। और इनफर्टिलिटी में योग भी बहुत लाभकारी होता है। इसके लिए योग चिकित्स्क कई आसनों का सुझाव भी देते हैं।

(और पढ़े – क्या फैलोपियन ट्यूब में हाइड्रोसालपिनक्स होता है?)

फर्टिलिटी के लिए क्या परहेज करें- What to avoid for fertility in Hindi

ट्रांस फूड बंद करें: कुछ फूड जैसे पेकेट चिप्स, माइक्रोवेव पॉपकॉर्न, फ्राइड फूड्स आदि इंफ्लामेशन बढ़ाने के साथ ही इंसुलिन रजिस्टेंस को भी बढ़ा देते हैं। जो इनफर्टिलिटी का कारण बनता है। इसलिए ऐसे आहार से दूरी बनाएं जो वजन बढ़ाते हैं।

कैफीन: अगर आप पांच कप या उससे ज्यादा चाय और कॉफी का सेवन करते हैं, उन्हें कंसीव करने में ज्यादा समय लगता है। तो तुरंत अपनी इस आदत को कम करें या बिल्कुल ही खत्म करें।

धूम्रपान छोड़े: धूम्रपान में होने वाले तंबाकू के धुएं में आरओएस स्तर पर होता है। यह आरओएस स्तर शुक्राणु की प्रगति और कार्य को कम करके उसे नुकसान पहुंचा सकता है।

शराब: अधिक मात्रा में शराब का सेवन इनफर्टिलिटी का कारण बनता है। शराब के सेवन से शरीर में विटीमिन बी की कमी हो जाती है। इसलिए शराब के सेवन से दूर रहे।

(और पढ़े – इनफर्टिलिटी का आयुर्वेदिक इलाज, उपचार, दवा, जड़ी बूटियां)

अगर आप नेचुरल तरीके से अपना इलाज करवाना चहाते है तो इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

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