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पीरियड्स के दौरान न करें ये गलतियां

पीरियड या माहवारी जो महिलाओं को हर महीने होना वाले मासिक चक्र को दर्शाता है। पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं को दर्द का पता ही नहीं चलता तो कुछ महिलओं को दर्द और तकलीफ होती है। इस दौरान महिलाओं को सिरदर्द, ऐठन, बदनदर्द, ब्लीडिंग, अनिद्रा की समस्या देखने को मिलती है। जिसकी वजह से एक महिला अपने रोजमर्रा का काम करने में अक्षम होते है। कई बार सही जानकारी न होने के कारण वो इस दौरान ऐसे उपाय अपनाती हैं जो दर्द व तकलीफ दूर करने के बजाय बढ़ाने का काम करते हैं। 

कई बार कुछ महिलाएं पैड और खान-पान से जुड़ी कुछ ऐसी गलतियां बार-बार दोहराती रहती हैं जो आगे चलकर उनकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको पीरियड्स के दौरान होने वाली गलतियों पर चर्चाकर बात करेंगे जो तकलीफ को कम करने में मदद करेगा। 

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पीरियड्स में Avoid करें यह चीजें

जंक फूड

इस तरीके के खानपान में शुगर और नमक दोनों ही चीज़ें बहुत ज्यादा मात्रा में होती हैं और न्यूट्रिशन न के बराबर, जिसकी वजह से ऐंठन और दर्द की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है। इसके अलावा इससे ब्लोटिंग की समस्या भी हो सकती है।

कॉफी

कॉफी में कैफीन नामक कंपाउंड होता है जो हमारे रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) को संकुचित करने का काम करता है। इस कंपाउंड के सेवन से पीरियड्स में होने वाली तकलीफ और ज्यादा बढ़ सकती हैं। तो कॉफी जितना हो सके पीना अवॉयड करें। दिन में एक कप से ज्यादा बिल्कुल न पीएं।

दर्द निवारक दवाएं

पीरियड्स के समय होने वाली असहनीय पीड़ा को दूर करने के लिए महिलाएं दर्दनिवारक दवाओं का सेवन करती है। महिलाओं को ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह दवाइयां इतनी खतरनाक होती है कि आपको दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इस दौरान दर्द से बचने के लिए Pain Killer नहीं बल्कि प्राकृतिक उपचार का सहारा लें।

पैड या टैंपॉन न बदलना

पीरियड के दौरान महिलाएं जो पैड इस्तेमाल करती है, उसे सुबह लगाने के बाद सीधे रात को ही बदलती हैं। इससे उनमें संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है। यह बैक्टीरिया बनने के कारण टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (toxic shock syndrome) की समस्या हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए पैड या टैंपॉन को 4 से 8 घंटे के अंतराल पर जरूर बदलें।

बार बार सफाई करना

इस दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए लेकिन इसका मतलब ये नहीं की बार-बार पानी से आप वजाइना की सफाई करें। ब्लीडिंग आने की वजह से थोड़ी बदबू आ सकती है, पर यह संक्रमण नहीं है। परंतु सफाई करने से संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही वजाइना की सफाई के लिए उत्पादों या साबुन का प्रयोग बिलकुल भी न करें।

हीटिंग पैड या बॉटल्स का इस्तेमाल

पीरियड्स के समय या आने से पहले कुछ महिलाएं पेट में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए हीटिंग पैड और हीटिंग बॉटल्स का इस्तेमाल करती हैं जो दर्द में आराम जरूर देता है लेकिन बहुत ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने से दूसरी तकलीफों की भी वजह बन जाता है। गर्माहट पाते ही पेट के निचले हिस्से के टिश्यूज़ सॉफ्ट हो जाते हैं लेकिन गर्माहट का एहसास कम होते ही ये फिर से हार्ड हो जाते हैं जिससे ऐंठन की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।

पीरियड्स के समय ज्यादा व्यायाम करना

Periods के समय फिजिकल एक्टिविटीज करना शरीर में तकलीफ बढ़ाने का काम करती है। जैसे पूरा दिन थकावट के बाद शरीर को आराम की जरूरत पड़ती है, वैसे ही पीरियड्स के समय महिला के शरीर से खून का बहाव होता है जिसमें आराम करना बेहद जरूरी है। इसलिए अगर आप पीरियड्स के समय हल्की-फूल्की एक्सरसाइज करना फायदेमंद साबित होता है। एक तो यह पीरियड्स के समय तेज दर्द, मरोड़ की समस्या से राहत मिलती है। जैसे की मलासन, तितली आसन, अलोम-विलोम, जानुशीर्षासन भ्रमारी आसन 10-10 मिनट तक करें।  

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इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे Doctor chanchal sharma की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

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