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एंड्रियोमेट्रियोसिस का संभव इलाज – एंड्रियोमेट्रियोसिस Treatment

आज से कुछ वर्ष पूर्व तक एंड्रियोमेट्रियोसिस को एक अभिशाप के रुप में देखा जाता था परंतु अब एंड्रियोमेट्रियोसिस अभिशाष नही है बल्कि इसका इलाज आयुर्वेदिक चिकित्सा में पूरी तरह संभव है।

आंकड़ों के आधार पर यदि बात की जायें तो एंड्रियोमेट्रियोसिस संतानहीनता का मुख्य कारण माना जाता है।

एंड्रियोमेट्रियोसिस (Treatment) – एंड्रियोमेट्रियोसिस एक प्रकार का प्रजनन विकार है जिसका उपचार आयुर्वेद में अब पूरी तरह से संभव है।

यदि किसी महिला को एंड्रियोमेट्रियोसिस की समस्या होती है तो इससे महिला की प्रजनन क्षमता पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा महिला गर्भधारण करने के लिए समर्थ नही होती है।

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कब होती है एंड्रियोमेट्रियोसिस की समस्या – Endometriosis Problems

जब महिलाओं के गर्भाशय की कोशिकाएं बाहर की ओर विकास करने लगती है तब इस प्रकार की समस्या पैदा होने लगती है।

माहवारी के दौरान जब महिला को ब्लीडिंग होती है तो यह रक्त गर्भाशय में इकट्ठा होकर गांठ का रुप धारण कर लेता है जिससे महिलाओं का अधिक दर्द का सामना भी करना पड़ता है।

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Endometriosis Treatment

महिला प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित आंकड़ो की बात करें तो 10 में से हर 1 महिला को एंड्रियोमेट्रियोसिस की समस्या है।

यह समस्या मुख्य रुप से 15 वर्ष की आयु से लेकर 50 वर्ष की आयु के बीच सबसे अधिक देखी जाती है।

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एंड्रियोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार – Endometriosis Ayurvedic Treatment

एंड्रियोमेट्रियोसिस (Treatment) – अब एंड्रियोमेट्रियोसिस आसाध्य नही रहा क्योंकि आयुर्वेद में इसका सफल इलाज उपलब्ध है।

आयुर्वेद मुख्य रुप से खानपान एवं दिनचर्चा पर अधिक जोर देता है और साथ में कुछ आयुर्वेदिक हर्बल औषधि है जिनके नियमित सेवन से एंड्रियोमेट्रियोसिस के विकार को दूर कर प्रजनन स्वास्थ्य को अच्छा किया जाता है।

जो महिला एंड्रियोमेट्रियोसिस से पीड़ित है उन्हें अपने भोजन में मुख्य रुप से ब्रोकली,फूलगोभी,पत्तागोभी, अंकुरित अनाज तथा पौष्टिक भोजन को प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।

भोजन के अतिरिक्त आयुर्वेदिक चिकित्सक आपको नागकेशर, आंवले का मुरब्बा, गुलकंद, त्रिकूट औषधि एवं सेव के मुरब्बे से संबंधित आयुर्वेदिक दवाएं देते है जो एंड्रियोमेट्रियोसिस को जड़ से खत्म करने में कारगर होती है।

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