नींद की कमी से टूट सकता है महिलाओं का मां बनने का सपना

नींद की कमी से टूट सकता है महिलाओं का मां बनने का सपना- Lack of Sleep Cause Infertility

नींद की कमी से टूट सकता है महिलाओं का मां बनने का सपना : स्वस्थ शरीर के लिए अच्छी नींद लेना काफी जरुरी है। नींद दिनभर की थकान के बाद इंसान को रिजार्ज करती है ताकि व्यक्ति अगले दिन फिर उसी जोश में उठकर काम कर सकें। नींद न सिर्फ शरीरिक ब्लकि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद अहम है। नींद पूरी न होने की वजह से ज्यादातर समय लोग अनमने से रहते हैं जिसका फर्क उनकी कार्य क्षमता पर भी पड़ता है। 

ऐसा माना जाता है कि आजकल की लाइफस्टाइल के चलते लोगों की नींद की गुणवत्ता में गिरावट देखी जा रही है। एक रिसर्च के मुताबिक 83.4% आबादी को किसी न किसी प्रकार की नींद की बीमारी से जुझ रहें है। अनिद्रा के लक्षण 78.2% आबादी द्वारा बताए गए थे और 29.2% को मध्यम से गंभीर अनिद्रा थी। 78.4% आबादी की नींद की गुणवत्ता खराब है। इसका मतलब है कि 2 करोड़ दंपति इनफर्टिलिटी का शिकार हो रहे है और तमाम कोशिशों के बावजूद महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे की महिलाओं में नींद की कमी से क्या परेशानी खड़ी हो सकती है। 

सेहतमंद जीवन के लिए सामान्य रुप से 8 घंटे की नींद लेना जरुरी है। अगर किसी व्यक्ति को ठीक तरीके से नींद नहीं आती या बीच में ही टूट जाती है तो उस समस्या को इनसोमिनिया कहा जाता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं में नींद की कमी से प्रजनन की दिक्कतें साथ-साथ जुड़ी हुई होती हैं। 

विशेषज्ञों का कहना है कि दरअसल जब हम गहरी नींद में होते हैं तो हमारे शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन रिलीज होता है। हमारा दिमाग एक पैटर्न में हमारे शरीर में प्रजनन संबंधी हार्मोन रिलीज करता है, जिसके लिए मेलाटोनिन हार्मोन बेहद जरूरी होता है। यही वजह है कि अगर महिलाएं गहरी नींद नहीं ले पाती हैं, उनमें गर्भधारण संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इन निम्नलिखित में महिलाओं में नींद की कमी से प्रेगनेंसी न होने वाली समस्याओं में शामिल हैं:

  • महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलन

अच्छी सेहत के लिए शरीर के लिए हार्मोन्स बेहद अहम हैं। यह हमारे शरीर के विकास के लिए जरूरी हैं लेकिन शरीर में इनका नियंत्रित रहना बेहद जरूरी है। अगर इन हार्मोन्स में असंतुलन आया तो यह कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है। 

जैसे की एक रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग नींद ठीक तरह से नहीं ले पाते हैं, उससे उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। इसका मतलब की अगर आप लंबे समय से नींद पर्याप्त मात्रा में नहीं लें रहे तो हार्मोन्स असंतुलन की समस्या हो सकती है और इसका असर आपके ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) पर होता है। क्योंकि हार्मोन्स एक सिस्टम के तहत एक दूसरे से जड़े होते हैं। अगर नींद पूरी नहीं होगी तो उससे कुछ हार्मोन्स का असंतुलन होगा और यह पूरे शरीर में हार्मोन के असंतुलन होने का कारण बन सकता है। 

  • अंडे की गुणवत्ता में हो सकती है गिरावट

महिलाओं में नींद की कमी से प्रजनन उम्र के दौरान बनने वाले अंडे की गुणवत्ता में गिरावट आ जाती है। जिससे गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। दरअसल नींद के दौरान रिलीज होने वाला मेलोटोनिन हार्मोन गर्भधारण के दौरान अंडे की सुरक्षा करता है। अगर महिला कम नींद लेगी तो उसके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन कम बनेगा, जिससे अंडे की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। 

  • मोटापा हो सकता है बांझपन का कारण

बढ़ते या कम वजन होने के कारण महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। ज्यादा मोटापा बढ़ने के कारण महिलाओं को दिल की बीमारी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, कैंसर, डिप्रेशन, एंग्जाइटी विकार शामिल हैं। एक शोध में पता चला है कि नींद की कमी से महिलाओं में गर्भाश्य संबंधी दिक्कतें, पीरियड संबंधी समस्या और इंफर्टिलिटी जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती हैं।

अन्य दिक्कतों में नींद की कमी से मूड स्विंगस, परेशान होना, गुस्सा, डिप्रेशन और घबराहट की शिकायत शामिल है। साथ ही, थकान, उलझन और भ्रम की स्थिति भी बन जाती है। 

  • महिलाओं में उम्र भर हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं। इसलिए महिलाओं को करीब 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। 
  • ज्यादा कैफीन वाली ड्रिंक्स में कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक कोल्ड ड्रिंक जैसी अन्य सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करना बंद कर दें। 
  • अगर आप रात में 10 बजे सोते है तो दोपहर के 12 बजे के बाद कैफीन पीना बंद कर दें।
  • सोने से 3 घंटे पहले ज्यादा मात्रा में खाना न खाएं, इससे आपके सीने में जलन और दर्द की समस्या हो सकती है। 
  • बिस्तर पर जाने से 2 घंटे पहले काम करना बिल्कुल बंद कर दें। विशेषज्ञ का कहना कि इससे आपका दिमाग शांत रहता है 
  • नियमित रुप से व्यायाम करें। जैसे की आंधे घंटे तक पैदल चलें, दौड़े, योगासन करें जो शरीर में रक्त का संचारण सही रुप से करेगा। 
  • जरूरत से ज्यादा खाना न खायें। 

इसके अलावा नींद की कमी से टूट सकता है महिलाओं का मां बनने का सपना। तो ऐसी स्थिति में आयुर्वेद के जरिए इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट से आप नींद और फर्टिलिटी से समस्या से निजात पा सकते है जो आपके मां बनने की राह में बाधा डाल रही है। 

ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि आईवीएफ में लाखों खर्च होने के बाद भी महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। 

वहीं आयुर्वेदिक इलाज की बात करें तो बिना सर्जरी के Infertility Treatment से महिला के लिए वरदान बनकर साबित हो रहा है। आयुर्वेद इलाज आईवीएफ के महंगें इलाज से कई गुना ज्यादा सस्ता है और इस इलाज की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी सफलता दर भी IVF के मुकाबले ज्यादा है।

इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

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