मेनोपॉज क्या है, menopause kya hai

मेनोपॉज क्या है (Menopause in Hindi) – रजोनिवृत्ति

एक महिला के लिए महावरी जितना जरूरी है, मोनोपॉज की स्थिति ही उतनी महत्वपूर्ण है। लेकिन कई महिलाओं को पता ही नहीं होता की मेनोपॉज क्या है? Menopause यानी रजोनिवृत्ति की स्थिति में महिला के मासिक चक्र की प्रक्रिया रूक जाती है। इस स्थिति मे महिला को बहुत ही ख्याल रखना पड़ता है क्योकि महिला के शरीर में बहुत से परिवर्तन आते है। जिसके बाद काफी महिलाओं को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  

अगर आप भी मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति से परिचित नहीं है तो कोई बात नहीं है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको मेनोपॉज और मेनोपॉज के लक्षण (menopause symptoms in hindi) और उपाय के बारे में विस्तार से बताएंगे। 

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मेनोपॉज क्या है?- Menopause Kya Hai

हर महिला के शरीर में जन्म से लेकर वृद्धा उम्र तक कई बदलाव आते है। कहा जाता है की मेनोपॉज एक महिला के जीवन का सामान्य और प्रबंधनीय है। लेकिन हर महिला के मन में सवाल आता है कि आखिर में मेनोपॉज क्या है? Menopause की स्थिति में लगातार एक महिला को 12 महीने पीरियड्स न आना इस बात का सकेंत है कि यह मासिक च्रक का अंतिम चरण है। आमतौर पर एक महिला का च्रक रूकने की अवधि 45 से 55 तक की होती है।  

इसको विस्तार से समझने के लिए पहले महावारी को समझते है। ज्यादातर लड़कियों को पहली माहवारी 9 से 15 साल की उम्र के बीच आती है, लेकिन कुछ को यह बाद में भी हो सकती है। पहली अवधि को मेन-अर-की के रूप में जाना जाता है।एक लड़की का मासिक चक्र 28 दिनों तक होता है। लेकिन 28 दिन सिर्फ एक औसत आंकड़ा है जिसका इस्तेमाल डॉक्टर करते हैं। हर महिला की साइकिल की लंबाई अलग-अलग होती है – कुछ 24 दिन की होती हैं, कुछ 34 दिन की होती है। और एक लड़की यह देख सकती है कि उसके चक्र हर महीने अलग-अलग अवधि के होते हैं।

महिला के शरीर में हर महीने अंडे बनते है और एक अंडा मैच्यौर होने के बाद अंडाशय से बहार निषेचित या मासिक च्रक होने के लिए बहार निकल जाता है। बाकि बचें अंडे अपने आप ही गायब हो जाते है। एक महिला के शरीर में हर महीने यही प्रक्रिया होती है और धीरे-धीरे अंडों की संख्या समय या उम्र के साथ कम होती जाती है। कुछ महिलाओं में 40 की उम्र में प्री-मेनोपॉज की स्थिति पैदा होने लगती है। जिसके बाद मेनोपॉज की स्थिति शुरू हो जाती है। 

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मेनोपॉज के चरण क्या है?- Menopause in Hindi

मेनोपॉज की स्थिति के तीन चरण मौजूद है। पहला प्री-मेनोपॉज, दूसरा मेनोपॉज और आखिर में पॉस्टमेनोपॉज है। मेनोपॉज की स्थिति शुरू होने के तीन से पांच साल पहले में पेरिमेनोपॉज की स्थिति रहती है। यह स्थिति दस सालों तक रहती है और इसके बाद ही मेनोपॉज की स्थिति में पीरियड्स रूकने की शुरूवात होती है। इसके बाद शुरू होता है तीसरा चरण पॉस्ट मेनोपॉज की अवधि शुरू होती है। अधिकतर महिलाएं इस चरण के बारे में अनजान होती है।  

प्री-मेनोपॉज और पॉस्टमेनोपॉज के लक्षण- Perimenopause and menopause symptoms in hindi

पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज दोनों के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देने लगते है। क्योंकि ये दोनों ही असहज और परेशान कर देने वाले लक्षण पैदा कर सकते है। पेरिमेनोपॉज के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल है-

  • हॉट फ्लैशेस की समस्या
  • रात में पसीना आना
  • योनि में सुखापन

मेनोपॉज के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल है- Menopause symptoms in hindi

  • अचानक से बुखार में लगने वाली गर्मी लगना
  • वजन बढ़ना
  • सेक्स ड्राइव में गिरवात होना
  • नींद न आने की समस्या होना
  • रात के समय पसीना आना
  • भावनात्मक परिवर्तन होना
  • मासिक धर्म च्रक में अनियमियता (जल्दी और भारी रक्तस्राव निकलना)
  • मासकि धर्म के समय दर्द और शारीरिक समस्या होना 
  • थाकन और कमजोरी के साथ हड्डियों और जोड़ो में जकड़न की समस्या हो सकती है। 
  • मूत्र नली में संक्रमण
  • ठंड लगना

पॉस्टमेनोपॉज के सामान्य लक्षण में शामिल हैं :

मेनोपॉ़ज के लक्षण कब तक रहते है इसका उत्तर सरल नहीं है क्योंकि पेरिमेनोपॉज आमतौर पर दस साल तक रहता है। दूसरी ओर आप मेनोपॉज मेें प्रवेश करती है तब आप बिना पीरियड्स के 12 महीने पार कर लेती है। अगर आपने एक भी महावरी का अनुभव किए बिना पार कर लिया तो आप हैरान मत होइए क्योंकि अब आप  पॉस्टमेनोपॉज फेज में प्रवेश करते है। 

मेनोपॉज के लक्षण और उपाय :

मेनोपॉज के लक्षणों का उपचार कई तरीकों से किया जाता है। मेनोपॉज के चरण में प्रवेश करने पर होने वाली शारीरिक और मानसिक परेशानिया होने के कारणों से निपटने के लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:

  • 40 साल की उम्र होने के बाद डॉक्टर से मुलाकत कर मेनोपॉज की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। साथ साथ अपना हेल्थ चेकअप भी करवाना चाहिए। 
  • अपने जीवनशैली में परिवर्तन करें। एक सेहतमंद जीवनशैली अपनाने से आप मेनोपॉज में होने वाली परेशानियों से निजात पा सकते है। 
  • तेल वा मसालेदार भोजन का करने से परहेज करें। कैफिन, धूम्रपान, अवसाद और शराब जैसी अन्य स्थिति से बचना चाहिए। 
  • इस स्थिति में हॉट फ्लैशज की समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ अहार के साथ योग और व्यायाम करना चाहिए। यह मूड स्विंग और वजन बढ़ने की समस्या को भी ट्रिगर करता है।  
  • menopause ka ilaj आयुर्वेदिक तरीकों से कर सकते है। आपको घरेलू उपचार में शारीर को अराम देना चाहिए। 
  • आप शीलाजीत का सेवन कर सकती है। यह एक प्रकार की जड़ी बूटी होती है जो दिमाग और शरीर को रिलैक्स करने की काबिलियत होती है और इसके साथ ही प्रेस हार्मोन का बनना कम करते हुए हैप्पी हार्मोंस बनाने में शरीरी की मदद करती है। इसके नियमित सेवन से आपको एंजाइटी में सुधार होता है।  
  • Alovera gel में हमारे शरीर के लिए कूट-कूटकर विटामिन और मिनरल्स भरे होते हैं। आप चाहें तो घर में लगे एलोवेरा या बाजार से इसका पाउडर या जूस का सेवन कर सकते है। एलोवेरा अपने प्योर रूप में फाइटोएस्ट्रोजन नाम के केमिकल का भंडार होता है। यह Chemical महिला के शरीर में हो रहे इमबैलेंस को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है।  
डॉ चंचल शर्मा एक सर्टिफाइड फर्टिलिटी एक्सपर्ट कंसल्टेंट हैं। वह आशा आयुर्वेदा में फर्टिलिटी डाइट के साथ जीवन शैली संबंधी विकारों पर मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल शर्मा की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

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