PCOS/PCOD, Ayurvedic Treatment for PCOS/PCOD

पीसीओएस/पीसीओडी का आयुर्वेदिक उपचार – PCOS/PCOD Ayurvedic Treatment in hindi

महिलाओं की जीवन में स्वास्थ्य से संबंधित बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते रहते है इस दौरान उन्हें खुद का ध्यान देना बहुत ही आवश्यक होता है। PCOS/PCOD Treatment जरुरी हो गया है ।

पीसीओएस/पीसीओडी भी महिलाएं में होने वाली एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसका पूरा नाम पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), या पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) के नाम से जाना जाता है।

पीसीओएस/पीसीओडी बीमारी की वृद्धि कुछ वर्षों से महिलाओं में तेजी से फैल रही है इसका मुख्य कारण महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोन परिवर्तन को माना जाता है। पीसीओएस/पीसीओडी महिलाओं में एक प्रकार का हार्मोन विकार है, जो मुख्यतः प्रजनन क्षमता वाली महिलाओं में होता है।

परंतु कुछ वर्षो से पीसीओडी की समस्या कम उम्र की लड़कियों (किशोरियों) में भी देखने को मिलती है। पीसीओएस/पीसीओडी का आयुर्वेदिक उपचार Ayurvedic Treatment for PCOS/PCOD in Hindi एक अच्छा विकल्प है।

पीसीओएस/पीसीओडी एक ऐसी ओवेरियन की बीमारी या सिंड्रोम है जो महिलाओं को माँ बनने से वंचित कर सकती है। PCOS/PCOD पर आधारित आंकड़ों की बात करें तो 10 में से 2 लड़कियाँ इस समस्या से परेशान है।

पीसीओडी की समस्या लड़कियों के लिए एक आम समस्या बनती जा रही है, यदि समय पर किसी अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इस समस्या का निदान न किया गया तो यह एक गंभीर रुप धारण कर सकती है।

पीसीओडी के लक्षणों के बारे में बात करें तो महिलाओं के चेहरे तथा अन्य हिस्सों में बाल उगना और मुंहासे होना इस समस्या के मुख्य लक्षणों के अंतर्गत आते है। आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचळ शर्मा की पीसीओडी को लेकर यह राय है कि जो कार्यकारी महिलाएं अधिक रात्रि तक नाइट शिफ्ट में जॉब करती है। जॉब के दौरान उन्ही पूरी रात जागना पड़ता है इस कारण से उनकी सेहत बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है।

आयुर्वेद के अनुसार इस प्रकार की लाइफस्टाइल के द्वारा biological clock डिस्टर्ब हो जाती है और PCOD जैसी बीमारी को बढ़ाने में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाती है।

पीसीओएस/पीसीओडी के कारण – PCOD/PCOS ke kaaran

PCOS/PCOD, Ayurvedic Treatment for PCOS/PCOD
  1. अनियमित माहवारी
  2. पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होना। 
  3. हार्मोन में बदलाव
  4. तनाव
  5. मोटापे की समस्या।
  6. मनोवस्था संबंधी विकार
  7. शारीरिक दोष (वात दोष, पित्त दोष, कफ दोष)
  8. बार-बार गर्भपात होना इत्यादि

पीसीओएस/पीसीओडी के टेस्ट – PCOS/PCOD Test

महिलाओं को यदि पीसीओएस/पीसीओडी की समस्या है तो कुछ टेस्ट के द्वारा इसकी पुष्टि कर सकते है जो कि निम्नलिखित है – 

  • बल्ड टेस्ट
  • हार्मोन लेवल टेस्ट
  • सोनोग्राफी (USG)

पीसीओएस/पीसीओडी का आयुर्वेदिक उपचार – PCOS/PCOD Ayurvedic Treatment

आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा पीसीओडी की समस्या से निजात मिल जाती है। आयुर्वेद के उपचार में जड़ी-बूटियाँ तथा पंचकर्म थेरेपी की सहायता से महिलाओं के दोषों को दूर किया जाता है।

पंचकर्म चिकित्सा  महिलाओं के स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करती है तथा स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने में जोर देती है। आयुर्वेदिक उपचार से महिलाओं के शरीर में होने वाले दुष्प्रभाव से छुटकारा मिल जाता है।

हजारों साल पहले आयुर्वेद में PCOS/PCOD के रोग का उपचार उपलब्ध है। आयुर्वेद में पीसीओडी की समस्या का समाधान विभिन्न चिकित्सा ग्रंथों में वर्णित है जैसे –  कश्यप संहिता, हरित संहिता, चरक संहिता इत्यादि।

पीसीओए की समस्या को दूर कर सबसे अच्छा प्रजनन उपचार आयुर्वेद में निहित है। गर्भधारण करने के लिए ओव्यूलेशन बहुत महत्वपूर्ण है। जिसे पंचकर्म उपचार से ठीक किया जा सकता है। पीसीओएस के लिए कौन सा उपचार सबसे अच्छा है  इसके लिए आयुर्वेद विकल्प उभर कर सामने आता है।

आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा न केवल पीसीओडी की समस्या दूर होती है बल्कि पीसीओडी से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियाँ भी दूर हो जाती है।

आयुर्वेद की पंचकर्म चिकित्सा PCOD का बहुत ही प्रभावी एवं त्वरित उपचार है

1. वमन चिकित्सा पद्धति (Herbal vomiting) – वमन चिकित्सा में पीसीओडी से पीडित महिला को ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं को दिया जाता है जिससे उसको बार-बार उल्टी आती है और इसी के माध्यम से महिला के शरीर में जमे विशाक्त पदार्थ बहार आ जाते है। जिससे महिला के हार्मोन संतुलित हो जात है और उसे पीसीओडी की समस्या से निजात मिल जाती है।

2. विरेचन चिकित्सा पद्धति (Herbal cleansing) – विरेचन चिकित्सा पद्धति के द्वारा महिला के पेट में एकत्रित दूषित तत्वों को आयुर्वेदिक औषधिय़ों के सेवन से बाहर किया जाता है। विरेचन थेरेपी में महिला के पित्त दोष का निवारण हो जाता है। विरेचन थेरेपी के माध्यम से दी गई आयुर्वेदिक दवाएँ महिला के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है तथा विक़ार को समाप्त कर देती है।

3. बस्ती चिकित्सा पद्धति (Herbal enema) –बस्ती पद्धति को आयुर्वेद का एनीमा कहा जाता है। बस्ती चिकित्सा पद्धति के माध्यम से आयुर्वेदिक तैलो तथा औषधियों को मलद्वार(rectum) के माध्यम से प्रविष्ट किया जाता है। बस्ती चिकित्सा के द्वारा आयुर्वेदिक औषधि का असर बहुत ही जल्द देखने को मिलता है और विशाक्त पदार्थ जल्दी ही शरीर के बाहर आ जाते है जिससे महिलाओं के दोष संतुलित हो जाते है। बस्ती चिकित्सा पीसीओडी का एक बेहतरीन उपचार है।

इन सभी पंचकर्म थेरेपी के अतिरिक्त महिला की समस्या के आधार पर आयुर्वेदिक चिकित्सक नस्यम थेरेपी तथा रक्तमोक्षण थेरेपी की सलाह भी देते है। परंतु यह महिला की प्रकृति पर निर्भर करता है।

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नोट – पंचकर्म थेरेपी एवं आयुर्वदिक दवाओं का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही करें।

यदि आप PCOD के लिए सबसे अच्छा इलाज या PCOS के लिए सर्वश्रेष्ठ उपचार की तलाश कर रहे हैं, तो आशा आयुर्वेदा केन्द्र PCOS के लिए सर्वश्रेष्ठ उपचार का सबसे बेहतरीन विकल्प है। दिल्ली एवं मुम्बई में आशा आयुर्वेदा केन्द्र के आयुर्वेदिक पीसीओएस के विशेषज्ञ उपलब्ध हैं जो पिछले 10 वर्षों से पीसीओएस / पीसीओडी का स्थायी उपचार कर रहे हैं।

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