केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण, Chemical Pregnancy in Hindi

जानें केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण, कारण और इलाज- Chemical Pregnancy in Hindi

मां बनना हर महिला के लिए एक खूबसूरत एहसास होता है। लेकिन इस खुशी में कई तरीके की बाधा आ जाती है।  प्रेगनेंसी, मिसकैरेज, एबॉर्शन, नार्मल डिलीवरी, सी-सेक्शन आदि ऐसे शब्द हैं, जिससे हर कोई वाकिफ है। इन्हीं से मिलता-जुलता शब्द एक मेडिकल टर्म केमिकल प्रेगनेंसी है।

आप सोच रहें होंगे की इस बारे में तो कभी पढ़ा या सुना नहीं है। यूं कम लोग इस शब्द से वाकिफ होगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार गर्भपात पीरियड मिस होने से पहले ही हो जाता है? इस तरह की प्रेगनेंसी को केमिकल प्रेगनेंसी (Chemical pregnancy in Hindi) कहते हैं। और यह स्थिति से जितना लोग अनजान है उतनी ही आम है।

अर्बाशन के करीब 50 से 75 प्रतिशत तक मामले केमिकल प्रेगनेंसी के होते है। अगर महिलाएं नियमित Pregnancy Test ना करें तो उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि उनकी केमिकल प्रेगनेंसी जैसा कुछ समस्या हुई है। आज इस आर्टिकल में जानेगे की केमिकल प्रेगनेंसी क्या है और इससे जुड़ी कुछ अहम जानकारी के बारे में बात करेंगे।

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केमिकल प्रेगनेंसी- Chemical Pregnancy in Hindi

केमिकल प्रेगनेंसी वो अवस्था होती है, जब गर्भ के आरोपण के कुछ समय बाद ही गर्भ गिर जाता है। ये कई बार इतनी जल्दी हो जाता है कि पीरियड मिस होने से पहले ही गर्भ गिर जाता है और आपको पता ही नहीं चल पाता कि आप प्रेगनेंट हुई थीं। डॉक्टर के मुताबिक, जब महिला के शरीर में ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (human chorionic gonadotropin) हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और प्रेगनेंसी जैसे लक्षण दिखने लगते है। इसमें प्रेगनेंसी रिज्लट तो पॉजिटिव आता है, लेकिन आल्ट्रसाउंड के समय भूर्ण नजर नहीं आता है। 

क्योंकि इसका स्तर कम हो जाता है और पहले ही केमिकल प्रेग्‍नेंसी हो जाती है। खून की जांच से डॉक्‍टर को केमिकल प्रेग्‍नेंसी का पता चलता है। इसको सरल भाषा में समझे तो मतलब साफ है की महिला के भूर्ण का निर्माण तो हुआ किसी कारणवश वह गर्भाशय में पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाया।  

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केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण- Chemical Pregnancy ke Lakshan

केमिकल प्रेगनेंसी के ज्यादातर मामले में लक्षण नहीं होते है। क्योंकि प्रेगनेंसी का यह बहुत ही शुरुवाती समय होता है, इसलिए कुछ महिला को पता ही नहीं चलता की गर्भधारण और गर्भपात हो जाता है। फिर भी अगर आप केमिकल प्रेग्‍नेंसी के लक्षण अनुभव हो सकते है कुछ इस प्रकार हो सकता है- 

  • पेट में हल्‍की ऐंठन और दर्द होना
  • प्रेगनेंसी कंफर्म होने के बाद ब्‍लीडिंग का होना
  • HCG हार्मोन का बढ़ना, जो जांच से पता चलता है
  • पीरियड्स देर से आना
  • मासिक चक्र जैसा दर्द होना
  • यूरिन या सीरम hCG में तेजी से गिरावट
  • अल्ट्रासाउंड में इसका पता न चलना
  • योनि से हल्का रक्त बहना
  • एचसीजी हार्मोन का लेवल कम होना

केमिकल प्रेगनेंसी के कारण- Chemical Pregnancy ke Karan

केमिकल प्रेगनेंसी का कोई निश्चित कारक स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन अक्सर भ्रूण में होने वाली समस्या के कारण होता है। कुछ रिसर्च में इसके और भी संभावित कारणों के बारे में जिक्र किया गया है। केमिकल प्रेग्नेंसी के कारण और उससे होने वाली परेशानी निम्नलिखित है:

  • एचसीजी (HCG) हार्मोन का कुछ क्षण के लिए बढ़ना और फिर कम हो जाना
  • शुक्राणु डीएनए डैमेज के कारण
  • संक्रमण जैसे की क्लैमाइडिया या सिफलिस
  • गर्भाशय की असामान्यताएं
  • जींस या क्रोमोसोम में गड़बड़ी आना
  • गर्भाशय की लाइनिंग सही ना होना
  • हार्मोन असंतुलित होना जैसे की प्रोजेस्ट्रोन के लेवल में कमी आना
  • शुक्राणु या अंडे की गुणवत्ता अच्‍छी ना होना  
  • 35 उम्र के बाद गर्भधारण करना
  • थायराइड या खून के थक्‍के बनना
  • एंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी (Endometrial Receptivity) में कमी। इसमें एंडोमेट्रियम गर्भाशय की सबसे भीतरी परत होती है। जिसका मतलब है भ्रूण के प्रारंभिक विकास के लिए बनी संरचना को इम्प्लांट करने, पोषण देने और भ्रूण को जीवित रखने की क्षमता।
  • क्रोमोसोम (Chromosomes) में असमान्यता की समस्या होना। 
केमिकल प्रेगनेंसी का इलाज- Chemical Pregnancy ka Ilaj

केमिकल प्रेगनेंसी का इलाज में किसी भी तरह के उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन फिर भी आप बार बार केमिकल प्रेग्‍नेंसी के कारण मिसकैरिज का शिकार हो रही है तो उस केस में डॉक्टर आपको डॉप्‍लर टेस्ट करवा सकते है।

यह टेस्ट आपके एंडोमेट्रियल ज़ोन वैस्कुलरिटी (endometrial Zone vascularity) याr एंडोमेट्रियल रिसेप्टिविटी स्केन होता है। यह टेस्ट बहुत ही लिमिटिड डॉक्टर करते है जो फिटल मेडिसन में एक्सपर्ट्स होते है। वो आपको डॉप्‍लर स्टाडी करके देंगे। इस टेस्ट से पता चलेगा क्यों आपकी केमिकल प्रेगनेंसी हेल्डी प्रेगनेंसी में  बदल रही है।    

आखिर में आपको यही सलाह दी जाती है कि अगर आप ऐसी समस्या से जुझ रहे है तो कृपया उसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें, क्योंकि ऐसा करना आपके जीवन के लिए खतरनाक होता है। ये तरीका आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। इससे आपके शरीर और दिमाग पर तनाव के नकारात्मक प्रभावों को कम करती है। 

इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार आदि  पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमारे Infertility Clinic आने के लिए +91 9811773770 संपर्क करें।

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