मेहरु निशा की Success Story

मेहरु निशा एक आजाद पक्षी के सामान अपने मां बनने के सपने संजो रही थी, लेकिन उनको नहीं पता था की इस खुशी में किसी तरह की बाधा आएगी जो उनके सपने के पंख काट देगी। 2019 में मेहरु निशा को पता चला की उनको Low AMH की समस्या है जिसके कारण कंसीव करने में समस्या आ रही है। फिर 6 महीने बाद ट्यूबल ब्लॉकेज की खबर पता चलने पर एक पिंजरे के केद पक्षी की तरह महसूस करने लगी थी। 

नाम: मेहरु निशा

उम्र : 32 साल                            

राज्य : उत्तर प्रदेश

बीमारी : ट्यूबल ब्लॉकेज

ठीक होने का समय : 5 months

Mehroo Nisha Ki Success Story- मां बनने का सपना हर कोई देखता है, लेकिन खराब जीवनशैली और गलत खानपान की आदतों से कई महिलाओँ का मां बनना मुश्किल हो गया है। ऐसी ही कहानी उत्तर प्रदेश की रहने वाली मेहरु निशा की है। मेहरु निशा ट्यूबल ब्लॉकेज और कम एएमएच की समस्या से पीड़ित है। शादी के 10 साल बाद भी इस कारण वह गर्भधारण करने में असमर्थ रही थी। 

न जाने कितने अस्पतालों में लगा चुकी थी चक्कर 

औलाद की चाह में न जाने कितने Infertility Clinic और अस्पतालों के चक्कर लगा चुकी थी। इलाज के दौरान ना जाने कितनी मंहगी दवाइयां खाई, किंतु इन सब के बावजूद कोई परिणाम नहीं मिला। 2021 में डॉक्टर ने एचएसजी टेस्ट करवाने की सलाह दी। टेस्ट में आए परिणाम के बाद पता चला की दोनों ट्यूब ही ब्लॉक है। डॉक्टर ने Fallopian tube blockage Treatment में सर्जरी करवाने की सलाह दी जिसमें सक्सेस रेट भी काफी कम था। इसके साथ डॉक्टर ने आईवीएफ करवाने के लिए भी जोर डाला, जिसमें लाखों रुपयें खर्च होने के बाद भी कोई सही परिणाम नहीं मिल सकता।  

IVF और सर्जरी से भी नहीं निकला कोई हल 

यह सब खबर सुनकर मेहरु निशा के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने एक बार IVF पर विचार किया और डॉक्टर से कंसल्ट किया, जहां Infertility Doctor का कहना था की आपके अंड़ों की क्वालिटी बहुत खराब है जिसके लिए आपको डोनर एग की जरूरत पड़ेगी। 

इतने डॉक्टर को दिखाने और IVF करवाने की कोशिश से भी कोई हल नहीं निकला। कुछ दिन बाद मेहरु निशा को यूट्यूब माध्यम से आशा आयुर्वेदा के बारे में पता चला। 

पंचकर्म पद्धति से मां बनना हुआ संभव

पहले तो मेहरु निशा को विश्वास नहीं हो रहा था की उनकी इस समस्या का हल आयुर्वेद में भी है। लेकिन जब मेहरु निशा यहां आई तो क्लिनिक देख उनको भरोसा हो गया था की उनका मां बनने का सपना पूरा होगा।  

जहां मेहरु डॉक्टर से मिली तो उनकी रिपोर्ट देखकर आशवासन दिया की आपकी कंडीशन का इलाज हो सकता है लेकिन आपको धैर्य से काम लेना होगा। Tube Blockage की समस्या को बहुत बड़ा न समझे। जैसे एलोपैथी साइंस में IVF एक रास्ता है वैसे ही Ayurvedic Treatment for infertility में Natural Treatment भी संभव है। 

फर्टिलिटी डॉक्टर ने मुझे पहले महीने में आयुर्वेद दवाइंयां दी और साथ में मेरे लिए डाइट चार्ट भी तैयार किया। इसके अलावा उन्होंने मुझे योगासन भी बताए जो मेरे इंबैलेंस हार्मोन को संतुलित करने में मदद करेंगा। 

फिर दूसरे महीने से फर्टिलिटी डॉक्टर ने उत्तर बस्ती थेरेपी करवाने की सलाह दी। आपको बता दें कि आयुर्वेद में बिना किसी चीर-फाड़ के इस विधि से फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने पर खोला जाता है। उत्तर बस्ती में योनी के जरिए यूटरस और फैलोपियन ट्यूब में औषधीय तेल और हर्बस डाला जाते है। इस थेरेपी की मदद से के समय महिला को किसी प्रकार से कोई दर्द नहीं होता और नेचुरल तरीके से फैलोपियन ट्यूब भी खुल जाती है। साथ ही आईवीएफ और लैप्रोस्कोपी के मुकाबले में उत्तर बस्ती में कम खर्च आता है और सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी सफलता दर भी आईवीएफ के मुकाबले ज्यादा है। 

जल्द गुंजेगी किलकारी

क्लीनिक में तीन माह तक चले आयुर्वेदिक इलाज और उत्तर बस्ती थेरेपी के बाद मेहरु निशा की सभी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कुछ महीनों के चले Ayurvedic Treatment में ही नेचुरल तरीके से कंसीव कर लिया और अब जल्द ही उनके घर आयुर्वेद के जरिए नन्हें सपनों की शुरुवात होने वाली है। 

मेहरु और उनके पति के लिए खुशी का ठिकाना नहीं है जब उन्हे पता चला की आयुर्वेद से शादी के दस साल बाद उनकी जिंदगी में नन्हे सपनों की शुरुवात होने वाली है। ना जाने मेहरु निशा ने कितने दिनों से इस पल का इंतजार किया था। आयुर्वेद के इलाज से उनका घर बरबाद होने से बच गया। आशा आयुर्वेदा के जरिये नि: संतान मेहरु निशा ने अपने जीवन में संतान सुख पा सकी हैं। 

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