पीरियड में दर्द का इलाज

पीरियड में दर्द का इलाज: महिलाओं को अपने जीवन में कई तरीके की शारीरिक और मानसिक हार्मोनल बदलावो से गुजरती है। उन्हीं में से एक मासिक धर्म, जिसे हम पीरियड्स के नाम से जानते है। क्या आपको पीरियड्स के समय अपने शरीर में कुछ बदलाव महसूस होते है? क्या आपको पहले की अपेक्षा पीरियड में काफी ज्यादा दर्द हो रहा है? ऐसा कहा जाता है कि पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को पेट, कमर और सिर में असहनीय दर्द से गरजती है। जबकि कई महिलाओं को पीरियड्स के समय दर्द का सामना नहीं करना पड़ता है।

पीरियड में दर्द का इलाज – Periods Pain Treatment in Hindi

भारत में ऐसी कई महिलाएं जिनको इस दौर से गुजरकर शारीरिक रूप से परेशानी मिलती साथ ही मानसिक रूप से भी परेशानी बनी रहती है। विशेषज्ञ का मानना है कि पीरियड्स के समय दर्द होने पर दवाएं ही एकमात्र विकल्प है लेकिन कुछ देर राहत पहुंचने के बाद आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। आज इस लेख में हम आपको पीरियड में दर्द का इलाज (Periods Pain Treatment in Hindi) के बारें में विस्तार से जानेगे जो राहत दिलाएंगा।

(ये भी पढ़िए : जल्दी पीरियड्स लाने के उपाय – रुके हुए पीरियड्स लाने के उपाय)

पीरियड्स में होने वाली समस्या का आयुर्वेदिक इलाज- Periods Pain and Natural Treatment in Hindi

आयुर्वेदिक उपाय बहुत जल्दी अपना असर नहीं दिखाते लेकिन ये निश्चित रूप से आपके वात दोष को नियंत्रित रखने में मदद करेगी। आयुर्वेद में कहा गया है कि मासिक धर्म में हम जो भी खाते हैं उसका असर हमारे शरीर पर सीधा पड़ता है। मासिक धर्म के समय अक्सर वात खराब हो जाता है, जिससे शरीर में गंभीर ऐठन, डकार, बदन दर्द, सिरदर्द और उल्टी जैसी समस्याएं होती है। हमारी रसोई में ऐसी छोटी-छोटी समाग्री है जो खाने-पकाने के साथ साथ आयुर्वेद नुस्खें बहुत ही फायदेमंद होते है। इन निम्नलिखित में हम पीरियड्स के दर्द को कम करने वाले टिप्स शामिल है:

सौंफ का पानी पीएं 

पीरियड में दर्द का इलाज: पीरियड्स के दिनों के लिए सौंफ बहुत ही फायदेमंद और प्रभावी जड़ी-बूटी साबित होती है। यह मासिक धर्म में होने वाले ऐठन में राहत दिलाती है। आपको सौंफ को पानी में उबालकर छान लें और नियमित रूप से इसका सेवन करें। इससे आपके पेट में दर्द और ऐठन में आराम देगा। 

इन्फ्यूज्ड दालचीनी पानी

पीरियड में दर्द का इलाज: दालचीनी भी पीरियड्स में काफी प्रभावी होता है। इसमें कैल्शियम, आयरन और फाइबर काफी ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें ऐसे गुण होते है जो पीरियड्स के समय सूजन और दर्द में राहत मिलती है। आपको एक गिलास में दालचीनी का टुकड़ा डालकर एक घंटे तक भीगोकर रखें। एक घंटे के बाद पानी में शहद के साथ मिलाकर सेवन कर सकते है।   

(ये भी पढ़िए : पीरियड्स के बाद प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाने चाहिए)

हल्दी वाले दूध का करें सेवन

पीरियड में दर्द का इलाज: मासिक धर्म के दौरान हल्दी वाला दूध महावारी के दर्द में आराम मिलता है। आपको मासिक धर्म में होने वाले दर्द कम करने के लिए दूध में चुटकी भर हल्दी को मिलाकर सेवन करना है। हल्दी के सेवन करने से शरीर में गर्मी बनी रहती है जो दर्द और ऐठन में आराम दिलाती है। 

पपीते का सेवन बहुत लाभकारी 

पीरियड में दर्द का इलाज: पीरियड्स में होने वाले दर्द और फ्लो को ठीक करने के लिए आपको पपीते का सेवन करना चाहिए। इस फल में आयरन, विटामिन-ए, कैरोटिन और कैल्शियम से भरपूर होता है। पपीता दर्द और ऐठन में भी बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।   

तुलसी का सेवन फायदेमंद 

पीरियड में दर्द का इलाज: तुलसी बहुत ही गुणकारी जड़ी-बूटी होती है। 6-7 तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करें। तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में काम करती है जो मासिक दर्द में राहत दिलाती है। आप इस काढ़े का सेवन दिन में 3 से 4 बार कर सकते है। आप तुलसी के पत्तों का सेवन चाय में भी कर सकते हैै। 

अजवाइन से मिलता दर्द में आराम 

पीरियड में दर्द का इलाज: पीरियड्स में होने वाले दर्द में अजवाइन काफी हद तक आराम दिलाता है। आपको दर्द होने पर गर्म पानी के साथ इसका सेवन करना है। ऐसा करने से पेट में होने वाली ऐठन में आराम मिलता है। 

जीरा दिलाए दर्द से छुटकारा

पीरियड में दर्द का इलाज: आपको दो गिलास पानी में एक चम्मच जीरा को पकाना है। जब पानी आधा हो जाए तब आपको इसे छाने और शहद मिलाकर गर्म ही पीएं। इस हेल्दी ड्रिंक को पीरियड्स होने के दिन से शुरू कर दें। पीरियड्स से संबंधित समस्यों (Home Remedies for Periods Cramps) से छुटकारा मिलेगा।

आपको पीरियड्स के समय मीठे पदार्थ और जंक फूड का सेवन करने से बचें। इससे आपके मासिक धर्म में वात बढ़ने से दर्द का कारण बनता है। इस समय खूब पानी पीएं जिससे शरीर हाइड्रेट रहें। खानपान के अलावा आप दिन में एक बार योगा जरुर करे जो फर्टिलिटी रेट को बूस्ट करने में मदद करता है।  अनुलोम-विलोम, कपालभाती, भ्रमारी, प्राणायाम और 30 मिनट तक पैदल चले।

(ये भी पढ़िए : Best Ayurvedic Doctor and Clinic in Delhi India)

इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे Doctor chanchal sharma की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *