Pooja ki success story

Pooja ki Success Story : पूजा ने शादी 6 साल बाद ट्यूबल ब्लॉकेज को कैसे दिया मात और बानी माँ

वर्तमान समय में न जाने कितनी ही महिलाएं गर्भवती होने की कोशिश करती है लेकिन असफल रहती है। अक्सर गर्भधारण कर परिवार को पूरा करने के लिए तनाव की स्थिति दंपति में बनी रहती है। जब समस्या का पता चलता है तब तक समय निकल जाता है और निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगता है। अगर सही समय पर लक्षणों का पता चले तो इसका इलाज किया जा सकता है। गर्भधारण करने में असमर्थ महिलाओं में ट्यूब ब्लॉकेज आजकल सबसे आम हो गया है।

कुछ महिलाओं को तब तक पता नहीं चलता जब तक गर्भधारण करने में असफल नहीं होती है। 30 प्रतिशत माहिलाओं को जांच के समय पता चलता है कि उनकी ट्यूब ब्लॉक हैं या डेमेज हो गई है। ऐसी ही एक कहानी बिहार की रहने वाली पूजा की है जिनकी उम्र 30 साल की है। जिन्हें शादी के छः साल बाद भी गर्भधारण नहीं हुआ। 

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बांझपन की समस्या से जुझ रही पूजा शादी के छः साल बाद भी कंसीव करने में असफल रही थी। जिसके चलते हर समय वो परेशान रहने लगी थी। न जाने कितने डॉक्टरों को दिखाया, इलाज भी करवाया। यहां तक की मंहगी दवाइयों का सेवन भी किया लेकिन कोई रिल्जट नहीं मिल पाया।

डॉक्टर ने कई जांच करवाये लेकिन उसमें भी कुछ पता नहीं चल सका। फिर डॉक्टर एचएसजी टेस्ट करवाने के लिए कहा तब पता चला की पूजा की दोनों ट्यूब ही ब्लॉक है। डॉक्टर का कहना था की एक फैलोपियन ट्यूब भी खुली होती तो गर्भधारण के लिए 50 प्रतिशत तक चंस हो सकते थे। लेकिन दोनों ट्यूब बंद होने के कारण नेचुरल गर्भधारण कर पाना असंभव है। वो भी सल्पिंगिटिस (Salpingitis) और बीडेड ट्यूब (Beaded Tubes) जो ट्यूब में संक्रमण कर सूजन का कारण बनता है। डॉक्टर ने पूजा को आईवीएफ और लैकोस्कोपी ही करवाने की सलाह दी। जिसमें लाखों रुपयें खर्च होने के बाद भी कोई सही परिणाम नहीं मिलेगा।  

ये खबर सुनकर मानो को पूजा को सदमा सा लग जाता है, जब हर संभव इलाज के बाद पता चलता है की मां नहीं बन सकती है। घर वालों और रिश्तेदारों के ताने सुनकर के पूजा और ज्यादा टूट जाती है। एक समय बाद उनके दंपति रिश्ते में खटास आने लगी थी। बिहार जैसे शहर में तो वैसे भी बांझपन को बूरा ही माना जाता है। 

इतना परेशान होने की बाद एक बार पूजा की किसी जान पहचान वाले ने दूसरे विकल्पों के इलाज के बारे में सुझाया। तब पूजा को मालूम पड़ा की बिना सर्जरी के आयुर्वेद से मेरी निसंतानता की परेशानी हल हो सकती है।     

तुरंत पूजा ने आशा आयुर्वेदा से अपॉइंटमेंट लेकर डॉक्टर से मिलने का विचार किया। डॉक्टर ने मुझे कुछ और टेस्ट करवाने के लिए कहा और मेरी रिपोर्ट देख के मुझे हौसला दिया की मुझे उम्मीद नहीं हारनी चाहिए। हम पर विशवास रखें आपकी स्थिती गंभीर है लेकिन ऐसी भी नहीं है की इलाज ना हो सकें। थोड़ा समय लग सकता है पर आपको रिजल्ट खुद ही दिखने लगेंगे। डॉक्टर ने आयुर्वेद दवाइंयों के साथ मेरे लिए डाइट चार्ट भी तैयार करके दिया साथ ही मुझे कुछ योगासन भी बताएं जिसे अपना के कुछ महीनों में ही फर्क दिखने लग गया था।

साथ ही पूजा को तीन महीने उत्तर बस्ती थेरेपी दी गई जिससे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का इस्तेमाल कर योनी में डाला जाता है। इस इलाज से मात्र कुछ महीनों में ही दोनों ट्यूब खूल गई। और पूजा और उनके पति के लिए उस वक्त खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्हे पता चला की आयुर्वेद इलाज के जरिए कुछ महीने में केंसीव कर लिया और अब मां बनने का सफर पूरा करने वाली है। ना जाने पूजा जैसी कितनी ही महिलाएं है जिन्होनें आयुर्वेद इलाज को चुना और अब मां बनने का सुख प्राप्त किया है। आयुर्वेद उन महिलाओं एक नई आशा की किरण है जो इस सुख से वंच्छित है। आशा आयुर्वेदा के बेस्ट फर्टिलिटी डॉक्टर चंचल शर्मा के जरिए निसंतान पूजा ने अपने जीवन में संतान सुख पा सकेंगी। 

अगर आप भी ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या से पीड़ित है और आप सब जगह से इलाज करवा कर थक चुके है

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