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प्रेगनेंसी से पहले कौन से टेस्ट  की जरुरत होती है ?                         

गर्भवास्था की यात्रा बहुत लंबी और परेशानी वाली होती है। ऐसे में डॉक्टर्स अक्सर महिलाओं को कुछ टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। ताकि गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु को किसी भी प्रकार की समस्या न हो। इन टेस्ट्स  को प्री-प्रेगनेंसी टेस्ट करते हैं। 

प्रेगनेंसी प्लानिंग करने से पहले हर कपल को प्रेगनेंसी टेस्ट जरुर करवाना चाहिए। क्योंकि  यह टेस्ट हेल्दी प्रेगनेंसी  की संभावना को बढ़ा सकते हैं। । गर्भधारण करने के पूर्व डॉक्टर के पास भी एक बहुत ही अच्छा कदम होता है । जिसे हर दंपति को प्रेगनेंसी से पहले ऊठाना चाहिए। । यह मुलाकात हर महिला के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर यदि वह बीस वर्ष से कम या तीस वर्ष से अधिक उम्र की है, या यदि वह किसी पुरानी स्थिति, या किसी विशेष चिंता से पीड़ित है।

आयुर्वेद में जिसे गर्भधारण संस्कार के नाम से जाना है। उसे ही आजकल के लोग प्री-प्रेगनेंसी चेकअप कहते है। गर्भधारण संस्कार में महिला एवं पुरुष दोनों को बीज शुद्धिकरण संस्कार किया जाता है। जिसमें यदि महिला या फिर पुरुष को किसी भी प्रकार की कोई बीमारी या दोष है। तो उसका निवारण हो जाता है। 

उसी सिद्धांत को अपनाते हुए आज की आधुनिक चिकित्सा प्रणाली महिला एवं पुरुष के कुछ टेस्ट करवाते है। और उसकी सहायता से यह पता लगाने की कोशिश करते है कि महिला या पुरुष को किसी प्रकार की वंशानुगत बीमारी तो नही । यदि बीमारी का पता चलता है। तो उसको इलाज के द्वारा ठीक करने के लिए उपचार दिया जाता है। परंतु यदि आप यही गर्भधारण संस्कार के अनुसार करते है। तो इसके अंतर्गत महिला एवं पुरुष को पंचकर्मा से द्वारा शरीर का शुद्धिकरण किया जाता है। और महिला-पुरुष को एक उत्तम संतान प्राप्ति के योग्य बनाया जाता है। 

प्री-प्रेगनेंसी टेस्ट के आधार पर महिला एवं पुरुष को चिकित्सक बेस्ट प्रेगनेंसी प्लानिंग के लिए विशेष आहार एवं अच्छी जीवनशैली अपनाने की सलाह देते है। 

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गर्भावस्था से पहले डॉक्टर से मिलने के लाभ – 

यदि आप प्रेगनेंसी की पहले  डॉक्टर से परामर्श लेती हैं। तो  ओव्यूलेशन की तारीख और गर्भधारण की तारीख का अनुमान लगाना आपके लिए आसान हो जाता है।  अगर महिला को गर्भावस्था से पहले कम से कम एक सामान्य मासिक धर्म हुआ हो।

दूसरी बात ये, कि  सुनिश्चित करें कि आपको आवश्यक टीकाकरण लगे है । जैसे चिकनपॉक्स, पोलियो और खसरा इत्यादि। टीकाकरण पूरा नहीं होने पर प्रतिरक्षा को सत्यापित करने के लिए रक्त परीक्षण के बाद टीकाकरण भी दिया जाना चाहिए।  गर्भ धारण करने की कोशिश करने से कम से कम एक महीने पहले आपको हाईबीपी, डायबिटीज, थायराइड या मिर्गी , यौन संचारित संक्रमण, सभी की जांच करवा लेनी चाहिए। 

आपको ऐसी कोई पुरानी बीमारी तो नही है । जिसका असर आपकी आने वाली संतान में हो। आप ऐसी कुछ दवाओं का सेवन तो नही कर रहीं हैं। जो आपको प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या खड़ी कर सकती हों। जो आपके गर्भस्थ शिशु के लिए किसी प्रकार की मुशीबत बनें। 

यदि किसी महिला को एसटीआई होने का खतरा है, या उसे लगता है कि उसे या उसके साथी को संक्रमण हो सकता है, तो निदान और उपचार के लिए गर्भधारण पूर्व जांच आवश्यक है।

यदि परिवार में कोई वंशानुगत बीमारी (hereditary disease) है, तो गर्भावस्था से पहले ही पता होना चाहिए।  ताकि डॉक्टर गर्भावस्था से पहले Evaluation के लिए महिला को genetic counselor के पास भेज सके। 

प्रेगनेंसी से पहले कौन-कौन से प्री-प्रेगनेंसी टेस्ट होते है ?

यदि आपने अपने परिवार को पूरा करने का फैसला कर लिया है। तो आपको इन दिए हुए टेस्ट से होकर गुजरना बहुत ही अनिवार्य है। ऐसे में आने वाली संतान के ऊपर आने वाली समस्याओं से बचाया जा सकता है। 

  1. ब्लड ग्रप एवं एंटीबॉडी स्कीनिंगगर्भधारण की योजना बनने से पहले हर महिला एवं पुरुष को डॉक्टर ब्लड टेस्ट की सलाह देते है। यदि गर्भधारण करने वाली महिला का ब्लड ग्रुप RH Negative or RH Positive हैं। और उसके पति या फिर पार्टनर का ब्लड ग्रुप RH Negative तो ऐसे में गर्भस्थ शिशु को hemolytic disease का खतरा हो सकता है। इस बीमारी के कारण गर्भस्थ शिशु को मस्तिष्क से संबंधित परेशानियां हो सकती है और कुछ मामलों में शिशु की मौत भी हो जाती है। 

गर्भधारण करने के पूर्व महिला का एंटीबॉडी टेस्ट करना भी अनिवार्य होता है। क्योंकि इस टेस्ट में इस बात की जानकारी लग जाती है। कि यदि महिला के काफी समय पहले खसरे का वैक्सीन लगवाया था । तो उसे अब बूस्टर खुराक की आवश्यकता तो नही है। 

  1. सुगर प्रेगनेंसी टेस्ट ग्रर्भधारण करने के पूर्व महिलाओं को सुगर टेस्ट भी करवा लेना चाहिए। क्योंकि यदि आप इस टेस्ट को करवा लेती है। तो आपके आने वाली संतान के ऊपर से खतरा टल जाता है। क्योंकि अगर आपको सुगर की समस्या हैं। तो चिकित्सक आपको इसे नियंत्रित करने के लिए उचित खान-पान एवं लाइफस्टाइल में सुधार करने की सलाह देते है। एवं कुछ औषधियां का परामर्श करते हैं। 
  2. वायरल इंफेक्शन गर्भधारण के पहले महिलाओं को वायरल इंफेक्शन से संबंधिक कुछ टेस्ट जरुर करवाने चाहिए। प्रेगनेंसी से पूर्व Hepatitis B, Hepatitis C and HIV screening जरुरी करवानी चाहिए। इसकी वजह से गर्भवती माँ एवं शिशु दोनो खतरे से बाहर हो जाते हैं। 
  3. यूरीन टेस्ट यूरीन टेस्ट करने का मुख्य उद्देश्य यह होता है। कि यदि महिला के मूत्रपथ पर किसी भी प्रकार का संक्रमण है। जैसे यूआईटी या किडनी से संबंधित किसी प्रकार की बीमारी है । तो उसका पता यूरीन टेस्ट से लगाया जाता है। 
  4. gynecological screening test (गायनेकोलॉजिकल स्‍क्रीनिंग टेस्ट )गायनेकोलॉजिकल स्‍क्रीनिंग टेस्ट में Uterine fibroids, cysts, noncancerous tumors, or pelvic inflammatory disease का पता लगाया जाता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी का डिस्टर्ब करने वाली समस्याएं Irregular Menstruation and PCOS की जांच भी की जाती है। 

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