दालचीनी के फायदे और नुकसान

दालचीनी के फायदे और नुकसान – Dalchini ke Benefits or Nuksan

भारत में खाना अपने सुगंधित मसालों के लिए जाने जाता हैं। प्रचीन काल से ही मसाले भारतीय खानपान पर विशेष रूप से अपना प्रभाव डालते है जिसकी खूशबू कई दिनों तक बनी रहती है। लेकिन यह मसाले सिर्फ अपने स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि अपने औषधीय गुणों के मामले में भी काफी जाने जाता हैं।अपने दालचीनी का नाम तो जरुर सुना ही होगा। आमतौर पर लोग दालचीनी का इस्तेमाल सिर्फ मसालों के रुप में करते है, क्योंकि उनको इसके फायदे के बारे में पता ही नहीं होता है। आयुर्वेद में दालचीनी के उपयोग से कई रोगों का इलाज होता है। आज इस आर्टिकल में हम दालचीनी के फायदे और नुकसान के बारे में बात करेंगे।

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दालचीनी क्या है? – What is Cinnamon in Hindi

दालचीनी अलग-अलग गुणों वाला एक विशेष मसाला है। यह एक पेड़ की अंदरुनी छाल से निकाला जाता है जिसे जड़ी बूटी की श्रेणी में रखा गया है। दालचीनी का स्वाद तीखा-मीठा होता है और इसकी प्रकृति गर्म होती है। यह एडिमा, फ्लू, अपच, खांसी जैसी विभिन्न स्थितियों के इलाज में फायदेमंद माना जाता है।

दालचीनी को हर्बल तरीके के साथ एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। दालचीनी में निम्नलिखित पोषक तत्व होते हैं:

> दालचीनी में सिनेमैल्डिहाइड मौजूद होता है।

> दालचीनी में विभिन्न मैक्रो और सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इनमें विटामिन ए और सी, ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं।

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दालचीनी के फायदे-  Benefits of Cinnamon in Hindi

दालचीनी में कई ऐसे प्रकार के तत्व मौजूद है जो स्वास्थय के लिए काफी लाभदायक होते है। दालचीनी की मदद से कई स्वास्थय समस्याओ और उनके लक्षणों को कम करने में मदद करता है। इन निम्नलिखित में दालचीनी के फायदे शामिल हैं-

1. पाचन विकार के लिए एक दम रामबाण दवा है। अपच, पेट में दर्द और सीने में जलन होने पर दालचीनी, सोठ, जीरा और इलायची थोड़ी मात्रा में पीसकर ले सकते है।  

2. सर्दी-खासी में भी शानदार है। इसके सेवन से ठीक हो जाता है।

3. दालचीनी को उलटी रोकने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। दालचीनी और लोंग के बने काढ़े का सेवन कर सकते है।

4. दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर के अंदरूनी हिस्सों में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। 

5. दालचीनी स्त्री रोग में भी बहुत असरदार है। गर्भाशय के विकार और गनोरिया में दालचीनी का उपयोग किया जाता है।

6. दालचीनी के प्रीबायोटिक गुण साथ पाचन स्वास्थ्य को बहाल करने में मदद करता है।

7. डायबिटीज में बढ़े बल्ड शुगर को दालचीनी के सेवन से कम किया जा सकता है। रिसर्च में दालचीनी का इस्तेमाल प्रभावी माना गया। यह डाइजेस्टिव एंजाइमों (Digestive Enzymes) में कुछ जरूरी बदलाव कर देती है, जिससे कार्बोहाइड्रेट्स सोखने की प्रक्रिया कम हो जाती है और ब्लड शुगर का स्तर कम करने में मदद मिलती है। 

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दालचीनी के उपयोग- Uses of Cinnamon in Hindi

दालचीनी का इस्तेमाल इस तरीके से कर सकते हैं-

> पाचन विकार में दालचीनी, काली मिर्च पावडर और शहद आदि मिलाकर भोजन के बाद लेने से पेट की परेशानी नहीं होती।

> टीबी के इलाज के लिए दालचीनी का उपयोग काफी लाभदायक होता है। टीबी के मरीज दालचीनी का तेल थोड़ी मात्रा मेें पीन चाहिए। इससे टीबी के किटाणु को खत्म करने में मदद मिलती है।   

> चुटकी भर दालचीनी को पानी में उबालकर उसमें काली मिर्च और शहद मिलाकर लेने से गले में सूजन और सर्दी-खासी कम हो जाती है।   

> स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए सुबह शाम दालचीनी का पाउडर चुटकी भर दूध में मिलाकर पीएं।

> संक्रमण के खिलाफ इसे दिन में एक या दो बार ‘कढ़ा’ या हर्बल चाय की तरह पी सकते हैं। यह चाय में तुलसी, सोंठ पाउडर, मुनक्का-किशमिश, काली मिर्च और दालचीनी को उबालकर बनाई जाती है।

दालचीनी के नुकसान- Side Effects of Cinnamon in Hindi
  • दालचीनी से पित्त बढ़ सकता है। इसलिए इसका सेवन गर्मी में कम उपयोग करें। 
  • इसके सेवन से एलर्जी भी हो सकती है। साथ ही ज्यादा से लीवर खराब हो सकता है।
  • दालचीनी के ज्यादा सेवन से शरीर में विषाक्त प्रभाव पैदा हो सकते हैं।

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इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है तो सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें। और सही सेवन और उसकी उचित मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

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