एंडोमेट्रियोसिस क्या है और कैसे डाइट में सुधार करके दूर किया जा सकता है, endometriosis

एंडोमेट्रियोसिस डाइट टिप्स | एंडोमेट्रियोसिस क्या है? – Endometriosis Diet Chart In Hindi

एंडोमेट्रियोसिस क्या है ? और डाइट द्वारा कैसे दूर करे ? एंडोमेट्रियोसिस डाइट टिप्स

Endometriosis Diet -एंडोमेट्रियोसिस एक महिलाओं में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिससे विश्व भर की लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित है। एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन प्रणाली से जुड़ी बीमारी है जिसमें अंडाशय, पेट और आंत्र जैसे क्षेत्रों में एंडोमेट्रियम ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ता है और निःसंतानता जैसी समस्या का कारण बनता है। आमतौर पर, एंडोमेट्रियल ऊतक केवल गर्भाशय के अंदर पाया जाता है। एंडोमेट्रियोसिस  से पीड़ित महिला में भारी रक्तस्राव, संभोग के दौरान दर्द, दर्दनाक मल त्याग और बांझपन जैसे लक्षण दिखाई देते है। और पढ़े – एंडोमेट्रियोसिस का घरेलू उपचार

Endometriosis Diet आयुर्वेद के अनुसार कुछ खाद्य पदार्थ एंडोमेट्रियोसिस के जोखिम को कम सकते है। यदि महिलाएं अपने  आहार में बदलाव कर लें तो  एंडोमेट्रियोसिस Endometriosis के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

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एंडोमेट्रियोसिस आहार
  • ओमेगा -3 का सेवन – ओमेगा -3 महिलाओं के शरीर की सूजन और दर्द से राहत में सहायता करता है। एंडोमेट्रियोसिस  की बीमारी में अक्सर दर्द और सूजन की समस्या होती है और यदि आप अपने  आहार में ओमेगा -3 की शामिल करते है तो इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद हो सकता है । 

इसके अलावा, एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने सबसे अधिक मात्रा में ओमेगा -3 का सेवन किया, उनमें एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना 22% कम थी, उन महिलाओं की तुलना में जिन्होंने सबसे कम मात्रा में सेवन किया था।  शोधकर्ताओं ने पाया है कि ओमेगा -3 युक्त भोजन लेने से मासिक धर्म के लक्षणों और दर्द में कमी हो सकती है ।

  • संतृप्त वसा (trans fat) से दूरी बनाए – कुछ वर्षों में, ट्रांस वसा के द्वारा अस्वस्थ होने के परिणाम मिले है इसलिए इसका सेवन बिल्कुल भी नही करना चाहिए। शोध में पाया गया है कि ट्रांस वसा “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं,जिससे हृदय रोग और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

विशेष रूप से एंडोमेट्रियोसिस से पीडित महिलाओं को ट्रांस वसा की अधिक मात्रा लेने से बचना चाहिए। क्योंकि एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने अधिक मात्रा में संतृप्त वसा का सेवन किया था उनमें एंडोमेट्रियोसिस का 48% जोखिम बढ़ गया।

  • लाल माँस  (Red Meat) का सेवन न करें – रेड मीट को बीमारियों के उच्च जोखिम से जोड़ा गया है। एक अध्ययन में पाया गया है कि जो महिलाएं अधिक माँस खाती हैं, उनमें एंडोमेट्रियोसिस का खतरा अधिक होता है, उन लोगों की तुलना में जो कम माँस खाती हैं।

लाल मांस के अधिक सेवन से रक्त में एस्ट्रोजन का लेवल खराब हो सकता है। चूंकि एंडोमेट्रियोसिस एक एस्ट्रोजन पर निर्भर बीमारी है, इसलिए रक्त में एस्ट्रोजन का उच्च स्तर स्थिति के जोखिम को बढ़ा सकता है।

  • फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं – फल, सब्जी और साबुत अनाज विटामिन, खनिज और फाइबर से भरे होते हैं। इन खाद्य पदार्थों को अपनी प्लेट में भरना सुनिश्चित करें। आपके आहार में आवश्यक पोषक तत्व होने चाहिए।

एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं के लिए ये खाद्य पदार्थ विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। उच्च फाइबर का सेवन एस्ट्रोजन के स्तर को कम कर सकता है । एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं के लिए एक उच्च-फाइबर आहार खाना एक उत्कृष्ट परामर्श है और इसका पालन करना चाहिए।

फल, सब्जियां और साबुत अनाज आहार फाइबर का सबसे अच्छा स्रोत हैं। ये खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सिडेंट भी प्रदान करते हैं, जो सूजन को कम करने में  मदद कर सकते हैं।

  • कैफीन और अल्कोहल को कम कर दें  – स्वास्थ्य सलाहकार की मानें तो एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाएं को कैफीन और शराब के सेवन को कम देना चाहिए अन्यथा स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। कैफीन और शराब से एंडोमेट्रियोसिस का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, कैफीन का अधिक सेवन एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकता है।

यदि आप अपने खानपान तथा जीवन शैली में सुधार कर सकती है तो काफी हद तक एंडोमेट्रियोसिस से होने वाली परेशानियों से निजात पा सकती है। 

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