काले तिल और गुड़ के फायदे और उपयोग

काले तिल और गुड़ का इस्तेमाल करके पाए इनफर्टिलिटी की समस्या से छुटकारा

भारत में आज इनफर्टिलिटी एक महामारी का रूप ले रही है। रेगुलर एलोपैथिक इलाज में आक्रामक प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जो दर्दनाक और महंगी होती हैं। 10 से 15 प्रतिशत कपल को इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। जब सब रास्ते बंद हो जाते है तब आयुर्वेद ही नजर आता है। यह आयुर्वेद का एक रूप है, जिसमें सौम्य उपचार है।

आयुर्वेद शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके प्रजनन प्रणाली (Reproductive Health) के साथ काम करता है। यह प्राकृतिक तरीकों पर आधारित है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। (और पढ़े – फर्टिलिटी क्या है?)

प्राचीन ग्रंथ के अनुसार, पुरुषों में शुक्राणु या शुक्र धातु (Reproductive Tissue) और महिलाओं में अर्तव धातु (Reproductive Tissue) स्वस्थ गर्भधारण की कुंजी है। यह ऊतक शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और गंभीर बीमारियों से भी प्रभावित हो सकता है। गर्भाधान के लिए आयुर्वेदिक तैयारी भावी माता-पिता के स्वास्थ्य की देखभाल से शुरू होती है। आप इस समस्या को आयुर्वेद तरीके से घरेलू उपचार अपना सकते है। 

सदियों से हमारी गुड़ और काले तिल खाने की परम्परा है। तिल और गुड़ बहुत ही पोष्टिक और गरम प्रकृति के कारण इसका सेवन सिर्फ सर्दियों में ही कर सकते है। आज इस आर्टिकल में हम काले तिल और गुड़ का इस्तेमाल करके इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने पर विस्तार से जानेगे। 

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काले तिल और गुड़ के फायदे और उपयोग

तिल में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, तांबा, लोहा, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को कई तरीके से फायदा पहुंचाते हैं। वहीं गुड़ को औषधीय गुणों का खान कहा जाता है. यह एक ऐसा सुपर फूड है, जिसका उपयोग लोग सर्दियों में ज्यादा करते हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप में शरीर को गर्मी पहुंचाता है। इन निम्नलिखित में काले तिल और गुड़ के फायदे शामिल हैं-

  • तिल आयरन की कमी को दूर करता है, जो महिलाओं में कैल्शियम माइग्रेन, पीएमएस, ऑस्टियोपोरोसिस तथा कोलोन कैंसर जैसी समस्या में मददगार साबित होता है।
  • गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
  • सर्दियों में एक-एक चम्मच काले तिल काे रोज चबा-चबाकर खाने से शरीर को ताकत मिलती है। अनियमित माहवारी की स्थिति में 4-4 चम्मच सुबह शाम गुड़ के साथ लें। इसे चबाकर ही खाएं।
  • मेनोपॉज के बाद ज्यादातर महिलाएं हडि्डयों की बीमारी (Osteoporosis) की समस्या से जूझती हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम, आयरन, मैगनीज, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन-डी ज्यादा मात्रा में मिलता है। यही वजह है कि 45 साल से अधिक उम्र होने पर जब महिलाओं की हडि्डयां कमजोर होने लगे, तो 2-4 चम्मच काले तिल को गुड़ के साथ चबाकर खाने से ऐसी तकलीफें दूर होगी।

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  • पूरे दिन एंर्जी के लिए काले तिल का सेवन कर सकते है क्योंकि इसमें कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं होती है। और तो और कार्बोहाइड्रेट, सोडियम और शुगर की मात्रा भी न के बराबर होती है। इसको किसी भी डिश में इस्तेमाल करके खाया जा सकता है क्योंकि 100 ग्राम तिल के अंदर 650 कैलोरी होती है इसलिए मोटापे की चिंता किए बगैर इसके पोषण का फायदा उठा सकते है।
  • प्रेग्नेंसी प्लान करने वाले दंपति कुछ महीने इसे खाएं, तो नतीजे अच्छे मिलेंगे। इससे महिला में ओव्यूलेशन और पुरुष में स्पर्म काउंट सुधरता है। 
  • गुड़ में पोटाशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन मौजूद होता है। यह शरीर की थकान को कम करता है और शरीर को साफ करता है। यह शरीर में ब्लड के लेवल को बढ़ाता है। एक साल से पुराना गुड़ अच्छा माना जाता है। एनीमिया में गुड़ और तिल को खाने से लाभ होता है।
  • तिल तथा गुड़ से बने लड्डू या अन्य पकवान फेफड़ों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसके सेवन से महिला के शरीर को ताकत मिलती है साथ ही पोषण देता है।
  • काले तिल में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है। तिल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और Anti-Inflammatory गुणों की उपस्थिति ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करती है और हृदय रोगों का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • बुहत ज्यादा कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच भी जाता है, और इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता है। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो तुरंत गुड़ खा सकते है।

(और पढ़े – PCOD या PCOS में क्या खाना चाहिए?)

  • किशोरियों और युवा महिलाओं में पीसीओडी (PCOD) या पीसीओएस (PCOS) की समस्या बहुत ही आम है। 
  • महिलाओं में युवाओं में अनियमित मासिक चक्र की भी दिक्कतें आती हैं। इन स्थितियों में 2 चम्मच तिल को एक या दो मिनट तक हल्का गरम करके सादे गुड़ के साथ रोज सुबह खाली पेट लें। एक महीने तक इस तरह से लेने से फायदा होगा।
  • फोलिक एसिड से भरपूर तिल गर्भवती महिलाओँ के लिए बहुत अच्छे होते हैं। बढ़ते भ्रूणों (Embryo) में उचित डीएनए संश्लेषण (DNA Synthesis) में फोलिक एसिड (Folic Acid) आवश्यक है और गर्भवती मां के स्वास्थ्य में सुधार करता है। 
  • तिल एक आवश्यक विटामिन से भरपूर जो तनाव को कम करने के लिए जाना जाता हैं। 100 ग्राम काले तिल का नियमित सेवन करने से मस्तिष्क की गतिविधि को बेहतर बनाने में मदद मिलती है, जिससे तनाव और न्यूरोसिस कम होता है।
  • गुड़ के साथ तिल आयरन के अच्छे स्रोत हैं जो रक्त में हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए एक आवश्यक खनिज है। इनका एक साथ सेवन करने से महिला हार्मोन को संतुलित करने में मदद मिलती है और महिलाओं में प्रजनन क्षमता में सुधार होता है।

काले तिल और गुड़ के फायदे के साथ नुकसान भी शामिल है। इसका बहुत अधिक सेवन अच्छा नहीं है क्योंकि इससे शरीर में अनावश्यक गैस बन सकती है। हालाँकि, जब आप गर्भधारण करने की योजना बना रही हों तो इन्हें खाने से बचें। क्योंकि काले तिल की तासीर गर्म होती है जो अधिकतर महिला में मिसकैरेज का कारण बनता है।  

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इस लेख की जानकारी हमें डॉक्टर चंचल शर्मा द्वारा दी गई है। इस विषय से जुड़ी या अन्य पीसीओएस, ट्यूब ब्लॉकेज, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार पर ज्यादा जानकारी चाहते हैं। हमारे डॉक्टर चंचल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए या हमसे +91 9811773770 संपर्क करें।

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