Uterine swelling, बच्चेदानी में सूजन

बच्चेदानी में सूजन : लक्षण, कारण, एवं उपचार – Uterine Swelling in Hindi

गर्भाशय को आमबोल चाल की भाषा में बच्चादानी कहते है। बच्चादानी (गर्भाशय) महिलाओं के प्रजनन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जिसके आकार की एक निश्चिच सीमा होती है। परंतु स्वास्थ्य समस्याओं के चलते कई बार ऐसा भी होता है कि जब सूजन आती है तो महिला के पेट की आकृति में वृद्धि देखने को मिलती है। बच्चेदानी की सूजन (Uterine swelling) को मेडिकल की भाषा एंडोमेट्राइटिस (गर्भाशय की परत में सूजन) के जान से जाना जाता है। 

बच्चेदानी में सूजन होने पर  ऐसा प्रतीत होता है जैसे महिला प्रेगनेंट हो जबकि वास्तविक में ऐसा बिल्कुल भी नही होता है। बच्चेदानी की सूजन की समस्या आये दिन देखने को मिल रही है। आप अक्सर यह सुनते ही होेंगे की किसी न किसी रिस्तेदार या फिर परिवार में कोई न कोई महिला इस समस्या से ग्रसित है। जब महिलाओं की बच्चेदानी में सूजन आ जाती है तो उन्हें अक्सर बुखार, उल्टी, सिर में पीड़ा, पेट तथा कमर में स्थाई रुप से दर्द बना ही रहता है। कुछ मामलों में तो ऐसा भी होता है कि पेशाब के साथ रक्त भी आ जाता है। 

अब यहां पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि एंडोमेट्राइटिस और एंडोमेट्रियोसिस दोनों बीमारियां अलग है परंतु नाम थोड़ा सा मिलते जुलते है। परंतु यह दोनों ही बीमारियां गर्भाशय की परत को ही खराब करती है। इन दोनों बीमारियों की वजह से ही Uterine swelling आती है। बच्चेदानी से संबंधित एक अन्य बीमारी भी है जिसे एंडोमायोमेट्राइटिस कहा जाता है। इसके कारण गर्भाशय की आंतरिक परत में सूजन होती है। गर्भाशय की इस आंतरिक सूजन को मायोमेट्रियम कहते है। 

बच्चेदानी की बीमारियां जिस प्रकार से अलग-अलग है उसी प्रकार से इनका उपचार भी भिन्न है। अब इनमें से एंडोमेट्रिटिस की बीमारी कम अवधि की होती है और इसका उपचार भी सरल होता है जबकि एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी गंभीर होती है और इसके उपचार की अवधि लम्बें दिन तक हो सकती है। 

बच्चादानी अर्थात एंडोमेट्राइटिस क्या है ? – What is Uterine swelling in hindi

गर्भाशय को ही बच्चेदानी के नाम से जाना जाता है और अंग्रेजी में इसे एंडोमेट्राइटिस कहते है। गर्भाशय की परत को एंडोमेट्रियम कहते है। जब महिलाओं के गर्भाशय में सूजन होती है तो वह किसी संक्रमण के कारण ही होती है। यदि समय रहते हुए इस बीमारी का इलाज हो जाता है तो आसानी से ठीक हो जाती है परंतु यदि अधिक समय तक संक्रमण रहता है तो गंभीर परिणाम भी देखने को मिल सकते है। 

यदि आपका चिकित्सक एंडोमेट्राइटिस के इलाज में एंटीबायोटिक दवाओं की वजह आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह या उपचार देता है तो इसकी सूजन में जल्द आराम मिलता है। एंडोमेट्राइटिस हो जाने पर महिला की गर्भधारण क्षमता में बुरा असर देखने को मिलता है। गर्भवती होने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है। Uterine swelling होने के कारण वहां पर कुछ निशान या दब्बे भी पड़ जाते है जिसकी वजह से गर्भाशय की आंतरिक परत भ्रूण का सरलता से प्रत्यारोपित और विकसित होने में बाधा उत्पन्न करते है। 

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एंडोमेट्राइटिस (बच्चेदानी की सूजन) कैसे महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है ? 

वर्ष 2016 में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसका नाम था क्रोनिक एंडोमेट्राइटिस जिसमें इस बात का खुलासा किया गया था कि 

  1. रिपोर्ट में बताया गया था कि यदि किसी महिला की Uterine swelling है तो महिला के अंडे गर्भाशय में सरलता से नही जा पाते है क्योंकि गर्भाशय में दब्बे या निशान होते है जो अंडो के बहाव की चाल को रोक देते है। 
  2. गर्भपात की संभावना अधिक हो जाती है। 

इस रिपोर्ट में सबसे अच्छी बात यह देखने को मिली कि यही बच्चेदानी में सूजन है तो इसका उपचार एंटीबायोटिक की वजह अगर आयुर्वेदिक एवं पंचकर्म तरीके से किया जाये तो प्रजनन क्षमता में अच्छा सुधार होगा और गर्भधारण की संभावना अधिक हो सकती है। 

बच्चेदानी में सूजन (एंडोमेट्राइटिस) के लक्षण – Symptoms of Uterine swelling in hindi

बच्चेदानी में जो सूजन होती है उसके लक्षण बाहरी तौर पर तो नही देखे जा सकते है परंतु कुछ ऐसे संकेत है –

  1. पेट के आकार में वृद्धि
  2. योनि से असामान्य रुप से ब्लड निकलना। 
  3. गैस एवं कब्ज की समस्या । 
  4. बुखार आना। 
  5. पेशाब के समय दर्द होना। 
  6. आलास एवं थकान होना। 
  7. पेल्विक दर्द और पेट के निचले हिस्से में असहनीय पीड़ा। 

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बच्चेदानी में सूजन (एंडोमेट्राइटिस) के कारण – Causes of Uterine swelling in hindi

बच्चेदानी में सूजन का मुख्य कारण संक्रमण है। संक्रमण कई प्रकार के हो सकते है जोकि इस प्रकार से है – 

  1. यौन रोग या यौन संक्रमण जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया। 
  2. टीबी
  3. बैक्टीरियल संक्रमण। 
  4. गर्भपात या प्रसव 
  5. आईयू़डी 
  6. गर्भाशय स्क्रैपिंग 
बच्चेदानी (एंडोमेट्राइटिस) में सूजन के बचाव और आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment of Uterine swelling in hindi

यदि किसी महिला की Uterine swelling है या फिर नही भी है उन्हें प्रसव या फिर किसी सर्जरी के वक्त पारंपरिक एवं आधुनिक तकनीको का प्रयोग करके सूजन की अशंका को कम किया जा सकता है। 

  1. सुरक्षित यौन संबंध स्थापित करें। 
  2. प्राइवेट पार्ट को साफ सुथरा एवं हाइजीन का पूरा ख्याल रखें। 
  3. संक्रमण होने या फिर संक्रमण की शंका होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार लें। 
  4. योनि धूपन जैसी आयुर्वेदिक कई युक्तियां है जो योनि संक्रमण को आसानी से दूर करने में पूरी सक्षम है। 
  5. आयुर्वेदिक हर्बल एवं आयुर्वेदिक तैल बच्चेदानी की सूजन को कम करने में सहायक है। 

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